FMGE 2025 के बाद क्या करें? (What After FMGE 2025?)
एफएमजीई 2025 एग्जाम में पास होने के बाद छात्रों के लिए कई करियर विकल्प उपलब्ध हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में करियर के साथ-साथ उम्मीदवार अन्य संतोषजनक करियर भी चुन सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
FMGE 2025 के बाद क्या करें? (What After FMGE 2025?): एफएमजीई 2025 के बाद क्या करें? वास्तव में कई करियर विकल्प हैं जिन्हें उम्मीदवार FMGE 2025 दिसंबर सेशन की एग्जाम पास करने के बाद चुन सकते हैं। कुछ लोकप्रिय विकल्प जिनमें से उम्मीदवार चुन सकते हैं उनमें MD/DM/MS की डिग्री हासिल करना, स्वतंत्र रूप से मेडिकल का अभ्यास करना या किसी भी मेडिकल फैसिलिटी में शामिल होना शामिल है। किसी विदेशी मेडिकल कॉलेज या यूनिवर्सिटी से मेडिकल में पूरा ग्रेजुएशन करने के बाद एक छात्र को भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए FMGE (फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन) को पास करना होता है। भारत में मेडिकल लाइसेंस प्राप्त करने के लिए FMGE या MCI स्क्रीनिंग टेस्ट अनिवार्य है। FMGE एग्जाम नेशनल एग्जाम बोर्ड द्वारा जून और दिसंबर में द्विवार्षिक रूप से आयोजित की जाती है। एक बार एग्जाम पास करने के बाद उम्मीदवार अक्सर खुद से पूछते हैं कि FMGE 2025 के बाद क्या?
FMGE 2025 के बाद क्या करें? (What to Do after FMGE 2025?)
FMGE 2025 एग्जाम पास करने के बाद उम्मीदवारों को किसी भी भारतीय मेडिकल कॉलेज में एक साल की इंटर्नशिप के लिए आवेदन करना होगा। यहाँ नीचे दिए गए स्टेप में संबंधित डिटेल में जानकारी दी गई है:
स्टेप 1
दिसंबर सेशन की FMGE 2025 एग्जाम पास करने के बाद उम्मीदवारों को कंडक्टिंग बॉडी यानी नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन से एक क्वालीफाइंग सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस सर्टिफिकेट का उपयोग मेडिकल कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया (MCI) में प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने हेतु किया जाना चाहिए। रजिस्ट्रेशन MCI की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है और प्रोसेस पूरी होने के बाद उम्मीदवारों को एक ऐकनॉलिजमेंट नंबर प्राप्त होगी जिसके माध्यम से रजिस्ट्रेशन स्टेटस देखा जा सकता है।
स्टेप 2
प्रोसेस के अगले राउंड में संबंधित स्टेट मेडिकल कॉउन्सिल में रजिस्ट्रेशन कराना शामिल है। स्टेट मेडिकल कॉउन्सिल में रजिस्ट्रेशन के लिए उम्मीदवारों को नीचे दिए गए डॉक्युमेंट्स जमा करने होंगे:
FMGE मार्कशीट की फोटोकॉपी जो गज़ेटेड ऑफिसर द्वारा अटेस्टेड हो।
संबंधित यूनिवर्सिटी या कॉलेज द्वारा जारी प्रोविजनल MBBS पास सर्टिफिकेट और मार्कशीट।
MCI द्वारा प्रदान किया गया ट्रैकिंग नंबर की फोटोकॉपी।
स्टेट मेडिकल कॉउन्सिल के पक्ष में डिमांड ड्राफ्ट।
एक नॉन-ज्युडिशियल स्टाम्प पेपर पर एक एफिडेविट जिसमें यह बताया गया हो कि आपने FMGE के लिए क्वालिफिकेशन प्राप्त कर ली है तथा आपको ट्रैकिंग नंबर प्राप्त हो गया है।
स्टेप 3
इंटर्नशिप शुरू करने से पहले उम्मीदवारों को डायरेक्टरेट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन (DME) द्वारा जारी एक NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) जमा करना होगा। यह डॉक्युमेंट्स और सील्ड-ऐकनॉलिजमेंट स्टेट मेडिकल कॉउन्सिल द्वारा प्रदान की जनि चाहिए। सभी डॉक्युमेंट्स के साथ DME को संबोधित एक पत्र जिसमें पूरे किए गए कोर्सेस के सभी डिटेल्स हों उसे जमा करके NOC के लिए आवेदन किया जा सकता है। एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और इंटर्नशिप के लिए इंस्टीट्यूशन को चुनें।
स्टेप 4
DME से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त करने के बाद, उम्मीदवारों को दिए गए स्थानों पर इंटर्नशिप के लिए NOC के लिए आवेदन करना होगा:
संबंधित हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट से
संबंधित इंस्टीट्यूशन/यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल से
उसी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से जहां उम्मीदवार इंटर्नशिप करना चाहता हो
स्टेप 5
उपर्युक्त सभी कर्मियों से पऑथॉराइज़ेशन/रेकग्नाइज़ेशन लेटर प्राप्त करने के बाद, आवेदकों को निर्धारित समय सीमा से पहले ऑफिशियल डाक्यूमेंट्स और लेटर जमा करने होंगे। संबंधित हॉस्पिटल में इंटर्नशिप शुरू करने से पहले, उम्मीदवारों को यूनिवर्सिटी के पक्ष में एक डिमांड ड्राफ्ट भी जमा करना होगा।
स्टेप 6
लास्ट स्टेप में 3 नए डिमांड ड्राफ्ट और सभी ज़रूरी डाक्यूमेंट्स शामिल हैं जिनके लिए उम्मीदवार MCI-मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल में आवेदन करेंगे।
FMGE 2025 पास करने के बाद करियर विकल्प (Career Options after Clearing FMGE 2025)
विदेश में MBBS की डिग्री प्राप्त करने और FMGE पास करने के बाद भारत में क्लिनिकल प्रैक्टिस और पढ़ाना एक ऐसा करियर विकल्प है जिसे उम्मीदवार चुन सकते हैं, इसके अलावा कई अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं जो समान रूप से आकर्षक हैं और जिनमें अच्छे करियर की संभावना है।
MD/MS/डिप्लोमा
जो लोग मेडिकल के क्षेत्र में अपना करियर जारी रखना चाहते हैं वे MBBS पूरा करने और FMGE एग्जाम पास करने के बाद MD/MS/डिप्लोमा का विकल्प चुन सकते हैं। विभिन्नपोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स ]छात्रों को जनरल मेडिसिन, इंटरनल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, बाल रोग, गाइनेकोलॉजिस्ट आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेनिंग प्रदान करते हैं।
DNB (डिप्लोमैट ऑफ़ नेशनल बॉर्ड)
MBBS ग्रेजुएट्स के लिए दूसरा विकल्प डिप्लोमैट ऑफ़ नेशनल बॉर्ड या DNB चुनना है, अगर वे स्पेशलिस्ट डॉक्टर के रूप में अपनी यात्रा जारी रखना चाहते हैं तो यह पीजी डिप्लोमा कोर्स राष्ट्रीय एग्जाम बोर्ड द्वारा प्रदान किया जाता है और MCI द्वारा भी मान्यता प्राप्त है।
कंबाइंड मेडिकल सर्विस (CMS)
UPSC हर साल जून और दिसंबर में रेलवे और नगर निगमों जैसे विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में काम करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए UPSC CMS एग्जाम आयोजित करता है। MBBS प्रोग्राम के लास्ट ईयर के बाद CMS एग्जाम पास की जा सकती है। यह उन उम्मीदवारों के लिए एक अच्छा विकल्प है जिनके लिए सरकारी नौकरी और स्टेबल होना सर्वोच्च क्राइटेरिया है।
MBA
विभिन्न दवा कंपनियों और प्राइवेट हॉस्पिटल में MBA डिग्री वाले डॉक्टरों की मांग हर गुजरते साल के साथ बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग के कारण, बहुत से MBA इंस्टीयूशन्स, जैसे FMS दिल्ली, MDI गुड़गांव, XLRI जमशेदपुर और IBS हैदराबाद, अपने MBA प्रोग्राम्स में डॉक्टरों को शामिल कर रहे हैं। हालाँकि, MBA कोर्स की पढ़ाई के लिए CAT जैसी एडमिशन एग्जाम पास करना अनिवार्य है।
क्लीनिकल रिसर्च
भारत में क्लीनिकल रिसर्च को बहुत कम महत्व दिया जाता है और इसे कम ही चुना जाता है फिर भी यह वास्तव में समय की माँग है कि अधिक से अधिक MBBS कोर्स ग्रेजुएट्स इस क्षेत्र में आएँ। इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR), सेलुलर और मेडिकल बायोलॉजी सेंटर (CCMB), और सेंट जॉन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे कई इंस्टीट्यूशंस रिसर्च के विकल्प प्रदान करते हैं।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और बायोलॉजिकल साइंस में एम.टेक
FMGE 2025 एग्जाम के बाद, कुछ छात्र करियर में आगे बढ़ने के लिए एम.टेक की डिग्री लेते हैं। यह कोर्स ज़्यादातर MBBS ग्रेजुएट्स द्वारा ली जाती है जो मरीज़ों की देखभाल नहीं करना चाहते। इस प्रोग्राम के कोर्स में रिसर्च वर्क शामिल हैं।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में एम.टेक और FMGE के बाद बायोलॉजिकल साइंस का उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए चिकित्सा उपकरणों और मशीनों का विकास और आविष्कार करना है। यह डायग्नोस्टिक उद्देश्यों के लिए चिकित्सा उपकरणों के परिचय और विकास की दिशा में कार्य करता है। इस कोर्स के ग्रेजुएट्स आकर्षक नौकरी के अवसरों के लिए पात्र हैं।
मास्टर इन मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी (MMST)
MMST, FMGE 2025 एग्जाम के बाद सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। इस कोर्स एग्जाम में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को बायो टेक्नोलॉजी, बायो इन्फार्मेटिक्स और मेडिकल हेल्थ केयर इमेजिंग की कॉन्सेप्ट से परिचित कराया जाएगा। इस डिसिप्लिन में बहुत रिसर्च वर्क किया जाता है। साथ ही, डिग्री पूरी करने के बाद उम्मीदवारों को नौकरी के भरपूर अवसर मिलते हैं।
मास्टर इन हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन (MHA)
MHA हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम है जो छात्रों को क्लीनिक, हॉस्पिटल आदि को मैनेज करने के लिए ज़रूरी स्किल्स प्राप्त करने के लिए तैयार करता है।
भारत में FMGE पास करने के बाद MBBS ग्रेजुएट्स के लिए अपार अवसर उपलब्ध हैं, जिनमें से वे अपनी रुचि के अनुसार चुन सकते हैं। इन विकल्पों में से कोई भी एक आशाजनक और संतोषजनक करियर बना सकता है।
FMGE के बाद फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स के सामने आने वाली चुनौतियाँ (Challenges Faced by Foreign Medical Graduates after FMGE)
भारत में मेडिकल करियर बनाने के दौरान फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स के सामने आने वाली कुछ सामान्य चुनौतियाँ इस प्रकार हैं:
लैंग्वेज बैरियर: फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक लैंग्वेज बैरियर है। भारत की जनसंख्या बहुत है और यहाँ विभिन्न क्षेत्रीय भाषाएँ और बोलियाँ हैं। जो मेडिकल ग्रेजुएट्स हिंदी या इंग्लिश में अच्छे नहीं हैं, उन्हें मरीजों, सहकर्मियों और चिकित्सा कर्मचारियों के साथ प्रभावी ढंग से बात करने में कठिनाई हो सकती है।
कल्चर में अंतर: भारत की एक अनूठी संस्कृति और सोशल नॉर्म्स हैं जिन्हें अपनाना फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए मुश्किल हो सकता है। उन्हें इंडियन हेल्थ केयर सिस्टम के कल्चर कॉन्टेक्स्ट को समझने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें मरीज़ों की मान्यताएँ, रीति-रिवाज़ और प्रैक्टिस शामिल हैं।
इंडियन हेल्थ केयर सिस्टम के साथ तालमेल बिठाने में कठिनाई: इंडियन हेल्थ केयर सिस्टम के अपने नियम, रेगुलेशन और प्रैक्टिस हैं जिनसे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स को सामना करना चुनौतीपूर्ण लग सकता है। उन्हें मेडिकल कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया (MCI) में रजिस्ट्रेशन कराने, सही नौकरी ढूँढ़ने और भारतीय हॉस्पिटल में काम करने की परिस्थितियों के अनुकूल होने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
इंडियन मेडिकल करिकुलम से परिचित न होना: फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स को इंडियन मेडिकल करिकुलम से तालमेल बिठाने में कठिनाई हो सकती है, जो उनके अपने देश में पढ़े गए करिकुलम से अलग हो सकता है। इससे उनके लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जाम (FMGE) पास करना और भारत में मेडिकल करियर बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सीमित प्रोफेशनल विकास के अवसर: फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स को भारत में प्रोफेशनल ग्रोथ के सीमित अवसरों का सामना करना पड़ सकता है। इंडियन हेल्थ केयर सिस्टम की प्रतिस्पर्धी प्रकृति के कारण, उन्हें रेजीडेंसी पद प्राप्त करने, प्रमोशन पाने या अपने करियर को आगे बढ़ाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
फाइनेंशियल चैलेंज: भारत में मेडिकल करियर बनाना महंगा हो सकता है, और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स को ट्यूशन फीस, रहने के खर्च और अन्य संबंधित खर्च के मामले में फाइनेंशियल चैलेंजेज़ का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें भारतीय बैंकों या इंस्टीट्यूशंस से लोन या फाइनेंशियल सहायता प्राप्त करने में भी कठिनाई हो सकती है।
बॉटम लाइन (The Bottomline)
FMGE 2025 एग्जाम पास करना भारत में एक लाइसेंस प्राप्त मेडिकल प्रैक्टिसनर बनने की दिशा में एक चुनौतीपूर्ण यात्रा की शुरुआत मात्र है। उम्मीदवारों को मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होगा, इंटर्नशिप पूरी करनी होगी और NEXT एग्जाम पास करनी होगी। मेडिकल क्षेत्र में सफलता के लिए निरंतर सीखना और प्रोफेशनल ग्रोथ आवश्यक है, जिसमें पोस्टग्रेजुएट कोर्सेस या विशेष ट्रेनिंग शामिल है। मेडिकल प्रोफेशन में सफलता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित और समर्पित रहना होगा।
अन्य परीक्षाओं और दाखिलों के बारे में अधिक जानने के लिए, CollegeDekho से जुड़े रहें! अगर आपके कोई प्रश्न हों, तो उन्हें Q&A ज़ोन के ज़रिए हमें भेजें या टोल-फ्री छात्र हेल्पलाइन नंबर 1800-572-9877 पर कॉल करें।