सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच अंतर
सीटीईटी और सुपर टीईटी, दोनों ही सरकारी शिक्षक के रूप में करियर बनाने के लिए आधारशिला हैं। सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच के अंतर को विस्तार से समझें और जानें कि कौन सी एग्जाम आपके करियर के उद्देश्यों के सबसे करीब है!
सीटीईटी और सुपर टीईटी (जिसे यूपीटीईटी भी कहा जाता है) दोनों का उद्देश्य सरकारी शिक्षकों के रूप में नियुक्त होने वाले व्यक्तियों की योग्यता और विश्वसनीयता का आकलन करना है। हालाँकि, सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच मुख्य अंतर यह है कि सीटीईटी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर केंद्र सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित किया जाता है, जबकि सुपर टीईटी केवल उत्तर प्रदेश राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित किया जाता है।
सीटीईटी प्रमाणपत्र
प्रमाणपत्र 7 वर्षों की अवधि के लिए वैध रहता है, जबकि सुपर टीईटी प्रमाणपत्र जारी होने की तारीख से 5 वर्षों की अवधि के लिए वैध रहता है, जिससे उम्मीदवारों को इस अवधि के दौरान शिक्षण के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के अवसर मिलते हैं। इस लेख में, हम सीटीईटी और सुपर टीईटी के बीच मुख्य अंतरों का पता लगाएँगे ताकि आपको यह तय करने में मदद मिल सके कि कौन सी एग्जाम आपके करियर की आकांक्षाओं के सबसे करीब है।
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सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच अंतर: सीटीईटी और सुपर टीईटी क्या हैं? (Difference Between Super TET and CTET: What are CTET and Super TET?)
सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच अंतर जानने से पहले, आइए हम दोनों शिक्षक भर्ती परीक्षाओं की बुनियादी विशेषताओं पर गौर करें।
सीटीईटी
सीटीईटी या सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट एक राष्ट्रीय स्तर की पात्रता एग्जाम है जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा केंद्र सरकार के स्कूलों में क्लास 1 से 8 तक के शिक्षण पदों के लिए उम्मीदवारों की योग्यता का आकलन करने के लिए आयोजित की जाती है। सीटीईटी उत्तीर्ण करने से पूरे भारत में केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों आदि जैसे केंद्र सरकार के स्कूलों में अवसर खुलते हैं। यह एग्जाम वर्ष में दो बार, आमतौर पर फरवरी और सितंबर में, पूरे भारत में कई केंद्रों पर आयोजित की जाती है। सीटीईटी एग्जाम में दो पेपर होते हैं: पेपर I उन उम्मीदवारों के लिए जो क्लास 1 से 5 (प्राथमिक स्तर) पढ़ाना चाहते हैं और पेपर II उन उम्मीदवारों के लिए जो क्लास 6 से 8 (प्राथमिक स्तर) पढ़ाना चाहते हैं।
सुपर टीईटी
सुपर टीईटी, जिसे उत्तर प्रदेश टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (UPTET) के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड (UPBEB) द्वारा आयोजित एक राज्य स्तरीय एग्जाम है। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक (क्लास 1 से 5) और उच्च प्राथमिक (क्लास 6 से 8) स्तर पर शिक्षकों के रूप में भर्ती होने वाले उम्मीदवारों की योग्यता और क्षमता का आकलन करना है। सुपर टीईटी एग्जाम उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड द्वारा वर्ष में एक बार उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न शहरों में आयोजित की जाती है।
सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच अंतर: पात्रता मानदंड और आयु सीमा (Difference Between Super TET and CTET: Eligibility Criteria & Age Limit)
सुपर टीईटी और सीटीईटी पात्रता के लिए आवश्यक शर्तों के बीच सबसे महत्वपूर्ण अंतर आवश्यक शैक्षिक पृष्ठभूमि का प्रकार है।
सीटीईटी पात्रता मानदंड
- प्राथमिक स्तर (क्लास 1 से 5) के लिए आयोजित सीटीईटी एग्जाम में बैठने के इच्छुक उम्मीदवारों को न्यूनतम 50% अंकों के साथ सीनियर सेकेंडरी (10+2) एग्जाम उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, उन्हें 2 वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा प्राप्त होना चाहिए।
- प्रारंभिक चरण (क्लास 6 से 8) के लिए आयोजित सीटीईटी एग्जाम में बैठने के इच्छुक उम्मीदवारों के पास स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा, उनके पास शिक्षा में स्नातक (बी.एड.) की डिग्री भी होनी चाहिए।
- यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सीटीईटी एग्जाम में बैठने के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।
सीटीईटी आयु सीमा: सीटीईटी एग्जाम में बैठने के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है। हालाँकि, एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए उम्मीदवारों की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
सुपर टीईटी पात्रता मानदंड
सुपर टीईटी के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता का प्रकार सीटीईटी से भिन्न पाया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य के लिए विशिष्ट आयु सीमा, भाषा दक्षता और निवास स्थान जैसी अतिरिक्त आवश्यकताएं भी देखी गई हैं।
- प्राथमिक स्तर के लिए पात्र होने के लिए, उम्मीदवारों को न्यूनतम 50% अंकों के साथ क्लास 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके अलावा, उनके लिए 4 वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा में स्नातक की डिग्री (बी.ईआई.एड) प्राप्त करना अनिवार्य है।
- जिन अभ्यर्थियों ने 2 वर्ष की अवधि में प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा पूरा कर लिया है, वे भी पात्र हैं।
सुपर टीईटी आयु सीमा:
सुपर टीईटी एग्जाम के लिए आवेदन करने हेतु न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष है। अतः, कोई भी उम्मीदवार 40 वर्ष की आयु तक यूपीटीईटी एग्जाम में जितनी बार चाहे शामिल हो सकता है।
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सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच अंतर: आवेदन प्रक्रिया और एग्जाम शुल्क (Difference Between Super TET and CTET: Application Process and Exam Fees)
सुपर टीईटी और सीटीईटी दोनों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, उम्मीदवारों को क्रमशः यूपीटीईटी और सीटीईटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। सुपर टीईटी और सीटीईटी दोनों के लिए आवेदन प्रक्रिया में ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरना, उम्मीदवारों की तस्वीर और हस्ताक्षर की स्कैन की गई तस्वीरें अपलोड करना, और क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और यूपीआई जैसे ऑनलाइन भुगतान विधियों के माध्यम से आवेदन शुल्क का भुगतान करना शामिल है। दोनों परीक्षाओं के लिए सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन करने वाले उम्मीदवार एग्जाम डेट से कुछ हफ़्ते पहले अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे।
हालाँकि, अंतर केवल इतना है कि सीटीईटी एग्जाम का शुल्क आमतौर पर सुपर टीईटी एग्जाम के शुल्क से अधिक होता है। सीटीईटी का एग्जाम शुल्क सामान्य/ओबीसी उम्मीदवारों के लिए ₹1000 और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए ₹500 है। वहीं, यूपीटीईटी का एग्जाम शुल्क सामान्य/ओबीसी उम्मीदवारों के लिए ₹600 और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए ₹400 है।
सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच अंतर: सिलेबस और एग्जाम पैटर्न (Difference Between Super TET and CTET: Syllabus and Exam Pattern)
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र, शिक्षण पद्धति, गणित, भाषा I और II, पर्यावरण अध्ययन और सामाजिक अध्ययन/विज्ञान से संबंधित टॉपिक्स को कवर करने के मामले में सीटीईटी और सुपर टीईटी के लिए सिलेबस समान पाए गए हैं। सुपर टीईटी और सीटीईटी दोनों परीक्षाओं में दो पेपर शामिल हैं, अर्थात पेपर I सामान्य ज्ञान (सभी विषयों के लिए सामान्य) और पेपर II संबंधित विषय से संबंधित है। पेपर I प्राथमिक चरण (क्लास I से V) के उम्मीदवारों के लिए आयोजित किया जाता है और पेपर II प्रारंभिक चरण (क्लास VI से VIII) में शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रशासित किया जाता है। कुल 150 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) दोनों सीटीईटी और सुपर टीईटी परीक्षाओं में पूछे जाएंगे और दोनों परीक्षाओं की कुल अवधि 2 घंटे और 30 मिनट प्रत्येक है।
हालाँकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि सीटीईटी परीक्षार्थी की च्वॉइस के अनुसार अंग्रेजी, हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्नपत्र प्रदान करती है। दूसरी ओर, सुपर टीईटी केवल हिंदी भाषा में आयोजित की जाती है, जिसका अर्थ है कि उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए हिंदी भाषा में दक्षता अनिवार्य है। यह अंतर विभिन्न प्रशासनिक प्राधिकारियों, क्षेत्रीय फोकस और लक्षित शिक्षण स्तरों के कारण उत्पन्न हुआ है।
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सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच अंतर: प्रमाणपत्र वैधता (Difference Between Super TET and CTET: Certificate Validity)
सुपर टीईटी और सीटीईटी प्रमाणपत्रों की वैधता अवधि में एक बड़ा अंतर है। सीटीईटी प्रमाणपत्र जारी होने और सभी श्रेणियों के परिणाम घोषित होने की तारीख से 7 वर्षों की अवधि के लिए वैध होता है। इस प्रकार, सीटीईटी एग्जाम उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार भारत के किसी भी राज्य में 7 वर्षों की अवधि के लिए शिक्षक पदों के लिए आवेदन करने के पात्र होते हैं। इसके अलावा, उम्मीदवार सीटीईटी एग्जाम कितनी बार दे सकते हैं, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है, अर्थात वे पात्रता बनाए रखने के लिए सात वर्षों की वैधता अवधि समाप्त होने के बाद भी सीटीईटी एग्जाम दोबारा दे सकते हैं।
दूसरी ओर, सुपर टीईटी प्रमाणपत्र जारी होने की तारीख से 5 वर्षों की अवधि के लिए वैध होता है। इसके अतिरिक्त, सुपर टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता उत्तर प्रदेश राज्य तक ही सीमित है। इसका अर्थ है कि सुपर टीईटी एग्जाम उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी अधिकतम 5 वर्षों की अवधि के लिए केवल उत्तर प्रदेश राज्य में ही शिक्षण पदों के लिए आवेदन करने के पात्र होते हैं। हालाँकि, सीटीईटी की तरह, अभ्यर्थियों को अपने प्रमाणपत्र की समाप्ति के बाद अपने अंकों या योग्यता में अपडेट के लिए फिर से सुपर टीईटी एग्जाम देने का विशेषाधिकार प्राप्त है।
सुपर टीईटी और सीटीईटी के बीच अंतर: करियर के अवसर (Difference Between Super TET and CTET: Career Opportunities)
अवसरों का भौगोलिक दायरा सीटीईटी और सुपर टीईटी के बीच मुख्य अंतर है। सीटीईटी एग्जाम उत्तीर्ण करने के बाद, उम्मीदवारों को एक राष्ट्रीय स्तर का पात्रता प्रमाणपत्र प्राप्त होता है और वे भारत के किसी भी राज्य के केंद्र सरकार के स्कूलों में शिक्षक पदों के लिए आवेदन करने के पात्र हो जाते हैं। शिक्षकों की भर्ती के दौरान भारत भर की कुछ राज्य सरकारें और निजी स्कूल भी सीटीईटी योग्यता को प्राथमिकता देते हैं, हालाँकि यह उनके लिए अनिवार्य नहीं है।
दूसरी ओर, सुपर टीईटी एग्जाम उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को एक राज्य-स्तरीय पात्रता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है जो केवल उत्तर प्रदेश राज्य में ही मान्य होता है। इसका अर्थ है कि सुपर टीईटी एग्जाम उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार केवल उत्तर प्रदेश राज्य में ही शिक्षण पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। फिर भी, उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है और यहाँ बड़ी संख्या में निजी और सरकारी स्कूल हैं जो सुपर टीईटी प्रमाणपत्र धारकों को रोज़गार के व्यापक विकल्प प्रदान करते हैं।
सरकारी शिक्षक के रूप में करियर बनाने के इच्छुक लोगों के लिए सीटीईटी और सुपर टीईटी महत्वपूर्ण योग्यता परीक्षाएँ हैं। हालाँकि दोनों परीक्षाओं की पात्रता आवश्यकताएँ, सिलेबस और आवेदन प्रक्रिया समान हैं, फिर भी कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं जिनके बारे में उम्मीदवारों को यह तय करने से पहले पता होना चाहिए कि कौन सी एग्जाम देनी है।
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