UPSC IAS Success story: दोनों पैर और एक हांथ नहीं, पिता हैं दर्जी, फिर भी Suraj Tiwari ने बिना कोचिंग क्रैक किया CSE परीक्षा, अब बनेंगे आईएएस

Shanta Kumar

Updated On: May 26, 2023 12:25 PM

Success story of Suraj Tiwari: मैनपुरी, उत्तर प्रदेश के रहने वाले सूरज तिवारी ने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर और एक हांथ गंवाने के बावजूद देश की सबसे कठिन UPSC CSE परीक्षा क्रैक कर लिया। 
दोनों पैर नहीं, एक हांथ नहीं और पिता हैं दर्जी, फिर भी Suraj Tiwari ने बिना कोचिंग क्रैक किया CSE परीक्षा, अब बनेंगे आईएएसदोनों पैर नहीं, एक हांथ नहीं और पिता हैं दर्जी, फिर भी Suraj Tiwari ने बिना कोचिंग क्रैक किया CSE परीक्षा, अब बनेंगे आईएएस

Success story of Suraj Tiwari: इरादे अगर पक्के हों तो मंजिल पाने से कोई नहीं रोक सकता। इस बात को मैनपुरी, उत्तर प्रदेश के निवासी सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) ने सच साबित कर दिखाया है। लाख सुविधाएं मिलने के बाद भी लोग अपने मंजिल तक नहीं पहुँच पाते और अपनी किस्मत को कोसते नजर आते हैं। वहीँ सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) ने इस वर्ष जारी हुए यूपीएससी फाइनल रिजल्ट 2023 में AIR 917 हासिल किया है। लेकिन जिन हालात में उन्होंने UPSC CSE परीक्षा क्रैक किया है वो आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।

आपने भी अपने आस-पास ऐसे युवाओं को देखा ही होगा जो थोड़ी सी मुश्किल देखकर घबरा जाते हैं और उनमे प्रेरणा के साथ-साथ उत्साह भी कम हो जाता है। उन्हें एक बार सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) की कहानी जरूर पढ़नी चाहिए जिन्होंने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर और एक हाँथ खो दिया एवं दूसरे हाँथ में केवल तीन ही उंगलियां हैं। आज से 6 वर्ष पहले उनके साथ हुए एक हादसे में उन्होंने अपने शरीर के ये बेहद अंग खो दिए।

Suraj Tiwari: UPSC में 917 रैंक लाने वाले सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) की कहानी

गत वर्ष 2017 में सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) को एक ट्रैन हादसे में बेहद गंभीर चोटें आयी थीं। इस हादसे ने सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) से उनका दोनों पैर और एक हाँथ छीन लिया। जो दूसरा हाँथ बचा था उसकी भी दो उंगलियां गंवानी पड़ी। इस हादसे के बाद सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) बिलकुल टूट चुके थे। अब उन्हें इस बात की चिंता सताने लगी थी कि अब इस हालात में ज़िन्दगी कैसे जिएंगे। इतना ही नहीं किस्मत को तो सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) से कुछ और भी चाहिए था। सूरज जब घर गए तो उनके साथ एक और बड़ा हादसा हो गया। उन्होंने अपने से 2 साल बड़े भाई को भी खो दिया। इसके बाद सूरज के घर की हालात और बिगड़ गई। सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) के पिता दर्जी का काम करते हैं और मैनपुरी के कुरावली गांव में उनकी सिलाई की एक छोटी सी दूकान है।
इतना होने के बावजूद सूरज ने हार नहीं मानी और देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC CSE देने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने लगन और मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। हौंसला और इरादे अगर सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) जैसे हों तो इंसान जीवन में कभी नकमयावब नहीं हो सकता है। हमें सूरज से सीखना चाहिए कि किस तरह विषम परिस्थितियों में भी इरादे बुलंद रखे जा सकते हैं।

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