क्या आप BDS से MBBS ब्रिज कोर्स की पूरी जानकारी जानना चाहते हैं? BDS से MBBS ब्रिज कोर्स (BDS to MBBS Bridge Course in Hindi) की एलिजिबिलिटी, एडमिशन प्रोसेस, अवधि आदि सहित सभी ज़रूरी जानकारी इस लेख में पढ़ सकते हैं।
- BDS से MBBS ब्रिज कोर्स क्या है? (What is the …
- BDS से MBBS ब्रिज कोर्स की अवधि (BDS to MBBS …
- BDS से MBBS ब्रिज कोर्स एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया (BDS to MBBS …
- BDS से MBBS ब्रिज कोर्स एडमिशन प्रोसेस (BDS to MBBS …
- बीडीएस से एमबीबीएस में कैसे स्विच करें? (How to Switch …
- BDS से MBBS ब्रिज कोर्स सिलेबस (BDS to MBBS Bridge …
- BDS से MBBS तक ब्रिज कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज़ …
- BDS से MBBS ब्रिज कोर्स के बीच अंतर (Difference Between …
- BDS से MBBS ब्रिज कोर्स नौकरी के अवसर (BDS To …

बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स (BDS to MBBS Bridge Course in Hindi) मेडिकल क्षेत्र में एक प्रोग्राम से दूसरे प्रोग्राम में ऐकडेमिक बदलाव है। कई बार ऐसा होता है कि आवेदकों को कई कारणों से बीडीएस से एमबीबीएस डिग्री में बदलाव की ज़रूरत महसूस हो सकती है। कई वर्षों से ऑफिशियल अधिकारियों के बीच इस पर चर्चा चल रही है, लेकिन अभी तक कोई ऑफिशियल नोटिस जारी नहीं किया गया है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC), जिसने हाल ही में मेडिकल काउंसिल कमेटी (MCC) का स्थान लिया है, ने अभी तक बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स (BDS to MBBS Bridge Course) को मंजूरी नहीं दी है। ओरिजिनल रूप से यह विचार कठिन या चुनौतीपूर्ण समय में मेडिकल प्रोफेशनल्स की कमी को पूरा करने के लिए लाया गया था।
आवेदकों के लिए बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के टॉपिक के बारे में पता होना ज़रूरी है। जिस छात्र के पास बीडीएस डिग्री है और वह एमबीबीएस में अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहता है तो उसे रेगुलर एग्जाम यानी NEET 2026 एग्जाम पास करनी होगी। BDS से MBBS में अपना डिसिप्लिन बदलने के इच्छुक छात्रों के लिए सभी रेगुलर एडमिशन प्रोसेस का पालन किया जाएगा। सभी इच्छुक छात्रों के लिए BDS से MBBS ब्रिज (BDS to MBBS Bridge Course) कोर्स की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया, एडमिशन प्रोसेस, बेस्ट यूनिवर्सिटी आदि से संबंधित सभी डिटेल्स और लेटेस्ट जानकारी देख सकते हैं।
BDS से MBBS ब्रिज कोर्स क्या है? (What is the BDS to MBBS Bridge Course?)
ब्रिज कोर्स एक ऐकडेमिक डिग्री है जो उन छात्रों के लिए डिज़ाइन की गई है जो एक मेडिकल क्षेत्र से दूसरे में जाना चाहते हैं। अभी तक BDS से MBBS ब्रिज कोर्स की शुरुआत की कोई ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई है। इस टॉपिक के बारे में किसी भी प्रकार की गलत जानकारी युवा छात्रों के बीच और अधिक भ्रम पैदा कर सकती है। BDS से MBBS ब्रिज कोर्स के संबंध में कई प्रस्ताव रखे गए थे, जिनमें शामिल हैं
स्किल डेवलपमेंट और प्रैक्टिकल पर्फॉर्मन्सेस पर ध्यान देकर कम समय में क्षेत्र के बारे में बताने के लिए छात्र एलिजिबल हो जाता है।
यह डेंटल साइंस के छात्रों को अलग-अलग सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स, क्लीनिकों और ऑर्गेनाइजेशंस में सामान्य चिकित्सक के रूप में प्रैक्टिस करने का अवसर प्रदान करता है।
BDS से MBBS तक का ब्रिज कोर्स ड्यूरेशन उन छात्रों के लिए ज़्यादा सुविधाजनक साबित होती है जो जल्द से जल्द इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
BDS से MBBS ब्रिज कोर्स की अवधि (BDS to MBBS Bridge Course Duration)
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2016 में टू-फोल्ड ऑब्जेक्टिव के साथ बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स का विचार पेश किया था। बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स की अवधि 3 साल सुझाई गई थी क्योंकि बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में ट्रांसफर होने वाले छात्रों को बीडीएस की डिग्री में पहले से फंडामेंटल जानकारी होती है इसलिए फुल टाइम 5.5-वर्षीय एमबीबीएस डिग्री करने के बजाय बीडीएस ग्रेजुएट्स को ग्रेजुएट होने के 3 साल के अंदर अपने बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स को पूरा कर लेना चाहिए। इसके अलावा, वे सभी जो इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करते हैं उन्हें कुल 3 वर्षों के लिए देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल प्रोफेशनल के रूप में सेवा करनी होती है।
- बीडीएस ग्रेजुएट्स जो मेडिकल हेल्थ केयर इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर ढूंढ रहे हैं, वे रेगुलर एमबीबीएस ग्रेजुएट्स की तुलना में कम समय में ढूंढ सकेंगे ।
- बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्सेस उन HDS छात्रों के लिए अवसर प्रदान करता है जो भविष्य में अच्छे करियर की संभावना के लिए अपने क्षेत्र को बदलना चाहते हैं।
- कई बार मेडिकल प्रोफेशनल्स की कमी के कारण मेडिकल और सर्जरी के क्षेत्र में मेडिकल प्रोफेशनल्स की बढ़ती माँग को पूरा करना एक चुनौती बन जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए वह बीडीएस ग्रेजुएट्स जिन्होंने बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्सेस किया है मरीजों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आगे आते हैं।
BDS से MBBS ब्रिज कोर्स एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया (BDS to MBBS Bridge Course Eligibility Criteria)
बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में एडमिशन के लिए के लिए छात्रों को एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करना ज़रूरी है। बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया डेंटल कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा निर्धारित की गई है। छात्र BDS से MBBS ब्रिज कोर्स एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया नीचे देख सकते हैं।
- बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के लिए छात्रों को मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूशन से BDS डिग्री पूरी करनी होगी।
- बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के लिए सभी छात्रों के पास डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) के साथ वैध मेडिकल रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।
- हालांकि इस संबंध में कोई ठोस निर्देश नहीं दिए गए हैं, लेकिन कुछ मामलों में किसी इंस्टीट्यूशन की व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार डेंटिस्ट्री में क्लीनिकल अनुभव की आवश्यकता हो सकती है।
- कुछ यूनिवर्सिटीज़ बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कर सकते हैं, जबकि अन्य उनिवेर्सिटीज़ में छात्रों द्वारा बीडीएस डिग्री में प्राप्त मार्क्स के आधार पर एडमिशन दिया जाता है।
- किसी छात्र की एलिजिबिलिटी का परीक्षण एंट्रेंस एग्जाम में प्राप्त अंकों और बीडीएस डिग्री में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा।
- बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज का करिकुलम एमबीबीएस डिग्री के सिलेबस पर आधारित होगा।
BDS से MBBS ब्रिज कोर्स एडमिशन प्रोसेस (BDS to MBBS Bridge Course Admission Process in Hindi)
बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स एडमिशन के लिए आवेदन करते समय कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। छात्र नीचे दिए गए ज़रूरी पॉइंट्स देख सकते हैं।
- बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स एडमिशन प्रोसेस के लिए सभी छात्रों को अपनी बीडीएस डिग्री में कम से कम 50-55% मार्क्स प्राप्त करना ज़रूरी है।
- सभी छात्रों को बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करनी होगी जो बीडीएस और एमबीबीएस कोर्सेस के जॉइंट सिलेबस के आधार पर आयोजित की जाती है।
बीडीएस से एमबीबीएस में कैसे स्विच करें? (How to Switch from BDS to MBBS?)
बीडीएस से एमबीबीएस कोर्स में स्विच करने के लिए नीचे कुछ ज़रूरी इनफार्मेशन दी गई है:
- छात्रों को बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के लिए ज़रूरी रूल्स एंड रेगुलेशंस पर MCI या NMC द्वारा पेश किए गए परिवर्तनों के लेटेस्ट अपडेट के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए।
- छात्रों को बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी पर फोकस करना चाहिए और एडमिशन के समय बेहतर मार्क्स प्राप्त करने के लिए गैप ईयर चुनने से बचना चाहिए।
- सभी छात्रों को ब्रिज कोर्स में सफलतापूर्वक एडमिशन पाने के लिए BDS कोर्स इंटर्नशिप पूरी करनी होगी।
- छात्रों को बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के लिए आवेदन करने से पहले डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा।
BDS से MBBS ब्रिज कोर्स सिलेबस (BDS to MBBS Bridge Course Syllabus in Hindi)
बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स सिलेबस में शामिल विषयों की लिस्ट उदाहरण के लिए नीचे दी गई है:
- प्रोटोकॉल
- बायो केमिस्ट्री
- फिजियोलॉजी
- एनाटोमी
- ओरल मेडिसिन
- पैथोलॉजी
- माइक्रो बायोलॉजी
- फार्माकोलॉजी
- फोरेंसिक डेंटिस्ट्री
- न्यूरोलोजी
- पैडिएट्रिक्स
- जनरल सर्जरी
- ओटोरहिनोलैरिंगोलॉजी (ENT)
- एनेस्थिसियोलॉजी
- कार्डियलजी
- इमरजेंसी मेडिसिन
BDS से MBBS तक ब्रिज कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज़ (Best Universities for BDS to MBBS Bridge Course)
सभी एलिजिबल छात्रों को बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्सेस में एडमिशन देने वाले बेस्ट यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है:
कॉलेज का नाम | BDS से MBBS ब्रिज कोर्स फीस (एवरेज) |
|---|---|
एम्स दिल्ली | 5,000 रुपये |
JIPMER पुडुचेरी | 6,000 रुपये |
CMC वेल्लोर | 17,000 रुपये |
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ | 22,000 रुपये |
,आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पुणे | 21,000 रुपये |
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल | 17,000 रुपये |
मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई | 16,000 रुपये |
BDS से MBBS ब्रिज कोर्स के बीच अंतर (Difference Between BDS and MBBS Course)
बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के महत्व को समझने के लिए यह ज़रूरी है कि छात्र बेहतर एनालिसिस के लिए बीडीएस और एमबीबीएस कोर्स के बीच अंतरों को समझें। सभी इच्छुक छात्रों के लिए बीडीएस और एमबीबीएस कोर्स के बीच अंतर नीचे दी गई टेबल में दिया गया है:
डिटेल्स | BDS कोर्स | MBBS कोर्स |
|---|---|---|
कोर्स लेवल | अंडर ग्रेजुएट | अंडर ग्रेजुएट |
कोर्स की अवधि | 5.5 वर्ष (5-वर्षीय कोर्स + 6 महीने अनिवार्य इंटर्नशिप) | 5 वर्ष (4-वर्षीय कोर्स + 1 वर्ष अनिवार्य इंटर्नशिप) |
कोर्स फीस | 16,500 रुपये से 23 लाख रुपये प्रति वर्ष | 10,000 रुपये से 25 रुपये प्रति वर्ष |
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया |
|
|
एडमिशन प्रोसेस | एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफिकेशन | एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफिकेशन |
एडमिशन देने वाले कॉलेज | KGMU, SRIHER, SRM डेंटल कॉलेज, सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज आदि। | AIIMS इंस्टीट्यूट्स, JIPMER, KGMU, CMC वेल्लोर, आदि। |
रोजगार के अवसर | डेंटिस्ट, डेंटल ऑफिसर इन डिफेन्स सर्विसिज़, लेक्चरर, रिसर्चर, आदि। | डॉक्टर, सर्जन, मेडिकल ऑफिसर्स, बाल रोग विशेषज्ञ, जनरल फिजिशियंस, आदि। |
एवरेज सैलरी | INR 3 LPA - INR 9 LPA | INR 3 LPA - INR 15 LPA |
टॉप रिक्रूटर | हॉस्पिटल्स, डेंटल क्लीनिक, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, डेंटल प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरर, आदि। | मेदांता हॉस्पिटल्स, लीलावती हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड, वॉकहार्ट लिमिटेड, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज लिमिटेड, आदि। |
BDS से MBBS ब्रिज कोर्स नौकरी के अवसर (BDS To MBBS Bridge Course Job Opportunities)
बीडीएस से एमबीबीएस ब्रिज कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने वाले छात्रों के लिए नौकरी के कई अवसर उपलब्ध हैं। ये अवसर नीचे दी गई टेबल में दिए गए हैं:
जॉब प्रोफ़ाइल | रोल डिटेल्स |
|---|---|
जनरल फिजिशियन | हॉस्पिटल, क्लीनिकों और प्राइवेट प्रैक्टिसों में अलग-अलग कई मेडिकल कंडीशंस का इलाज करते हैं। |
मेडिकल ऑफिसर | सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल, क्लीनिकों और अन्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में मेडिकल प्रैक्टिसिज़ की देखरेख करना। |
रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर (RMO) | सरकारी और निजी अस्पतालों, क्लीनिकों आदि के मेडिकल स्टाफ को मैनेज और सुपरवाइज़ करना। |
इमरजेंसी मेडिसिन प्रेक्टिशनर | इमरजेंसी डिपार्टमेंट्स में जिम्मेदारियां, क्रिटिकल केस और ट्रॉमा पेशेंट्स को संभालना। |
प्राइमरी हेल्थ केयर प्रेक्टिशनर | प्रिवेंटिव केयर, हेल्थ प्रमोशन, तथा लोगों को ज़रूरी मेडिकल सर्विसिज़ प्रदान करने में सहायता करना। |
मेडिकल रिसर्च | मेडिकल फील्ड में रिसर्चर, मेडिकल सर्विसिज़ और मेडिकल नॉलेज में प्रगति में योगदान। |
निष्कर्षतः BDS से MBBS ब्रिज कोर्स उन बीडीएस छात्रों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद मेडिकल और सर्जरी के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। यह कोर्स छात्रों को इस क्षेत्र में आकर्षक नौकरी के अवसर तलाशने का अवसर देता है जिससे उन्हें मेडिकल साइंस के विशाल क्षेत्र में सीखने का मौका मिलता है।
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