मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Mera Priya Mitra Par Nibandh in Hindi)

Munna Kumar

Updated On: January 02, 2024 10:53 am IST

यहां हम छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध लिखने के लिए कुछ खास टिप्स के साथ कुछ सैंपल दे रहे हैं, जिसकी मदद से छात्र अपने स्कूल प्रोजेक्ट के लिए मेरे प्रिय मित्र (My Best Friend Essay in Hindi) निबंध लिख सकते हैं। 
मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध

मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Mera Priya Mitra Par Nibandh in Hindi): वैसे तो हमारी जिंदगी में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से ज्यादातर को हम भूल जाते हैं, लेकिन कुछ लोग होते हैं जो हमारी जिंदगी पर गहरा प्रभाव छोड़ जाते हैं। इन्हीं लोगों में से कुछ हमारे प्रिय मित्र (Mera Priya Mitra) बन जाते हैं। वैसे दोस्त भी कई हो सकते हैं, लेकिन इनमें कुछ ही बेस्ट फ्रेंड यानी सबसे प्रिय मित्र (My Best Friend in Hindi) बन पाते हैं। हर किसी की जिंदगी में कोई-कोई प्रिय मित्र जरूर होता है। यहां हम छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध लिखने के लिए कुछ खास टिप्स के साथ कुछ सैंपल दे रहे हैं, जिसकी मदद से छात्र अपने स्कूल प्रोजेक्ट के लिए मेरे प्रिय मित्र (My Best Friend Essay in Hindi) निबंध लिख सकते हैं। 

मित्र भगवान जिसे भगवान का दिया सबसे अनमोल तोहफा के रूप में भी जाना जाता है। कहते हैं, जिस इंसान के पास दोस्त जैसा तोहफा नहीं है वो दुनिया का सबसे दुर्भाग्यशाली इंसान है। जिस तरह मनुष्य के जीवन में माता-पिता का स्थान होता है, जिनसे हम अपना सुख-दुख बांटते हैं, वैसे ही दोस्त का होना भी जरूरी है। दोस्त के साथ हम अपने जीवन के सुख-दुख की बातों के साथ वो तमाम यादों को भी शेयर कर सकते हैं, जो हम अपने माता-पिता से शायद शेयर नहीं कर पाते हैं। कहते हैं, एक सच्चा दोस्त वो होता है जो विपत्ति के समय साथ दे। दोस्त हमारी जिंदगी में एक भाई/बहन जैसा होता है। प्रिय मित्र (Mera Priya Mitra) हमें जिंदगी के हर कदम पर प्रेरित करते हैं और  हर समय मजबूती से साथ देते हैं।

मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (My Best Friend Essay in Hindi)

प्रस्तावना (Introduction)
मेरा नाम कुमार है। मैं कक्षा पांचवीं का छात्र हूं। यूं तो मेरी क्लास में बहुत से विद्यार्थी पढ़ते हैं, लेकिन इस सब में अंशुमान को में बहुत पसंद करता हूं। अंशुमान को मैं अंश भी बुलाता हूं। अंश मेरा सबसे अच्छा दोस्त (My Best Friend in Hindi) है। वह काफी होशियार होने के साथ ही बहुत ही मेहनती भी है। अंश मन का सुंदर भी है। वह अच्छे परिवार से संबंध रखता है। उसके पिता बैंक मैनेजर है। उसकी मां भी बैंक में मैनेजर हैं। अंश भी मुझे अत्यंत प्यार और स्नेह करता है। वह मेरी कोई भी परेशानी या उलझनों में मेरी बहुत मदद करता है। उसकी प्रसंशा हमारे क्लास के सभी विद्यार्थी करते हैं।

मित्र का गुण (Quality of Friend)
अंश हमेशा साफ-सुथरा रहता है और साफ स्कूल की पोशाक पहनकर विद्यालय आता है। वह नियमित विद्यालय आता है। वह पढ़ने में भी काफी होशियार है। उसका सपना बड़े होकर एक अच्छा व्यक्ति के साथ सफल राइटर बनाना है। वह सदैव अपना होमवर्क पूरा करता है। वह मेरा होमवर्क करने में भी सहायता करता है। जब भी मुझे कोई परेशानी होती है, वो हमेशा मेरी मदद करता है। उसमें एक अच्छे मित्र के सभी गुण मौजूद हैं। अंश विद्यालय में हमेशा अनुशासन में रहता है। वह अपने अध्यपकों की आज्ञा पालन करता है। वह उन्हें कभी भी कोई शिकायत का मौका नहीं देता है। सभी अध्यापक उसकी बहुत प्रशंसा करते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)
अंश अच्छे विचारों और उत्तम स्वभाव का लड़का है। वह अपना समय कभी बर्बाद नहीं करता है। वह विद्यालय के विभिन्न खेलों में भाग लेता है। वह विद्यालय के क्रिकेट टीम का सदस्य है। उसे महापुरुषों की जीवनी पढ़ने और उनसे प्रेरणा प्राप्त करने का शौक है। वह रोज समाचारपत्र भी पढ़ता है। वह मुझे भी अधिक पढ़ने और समय बर्बाद न करने की सलाह देता है। वास्तव में अंश मेरा सच्चा मित्र है और मुझे दोस्त के रूप में भगवान का दिया एक वरदान है। मुझे मेरे प्रिय मित्र (Mera Priya Mitra) पर गर्व है।
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मेरे प्रिय मित्र पर 250 शब्दों में निबंध (Essay On My Best Friend in 250 Words)

सच्ची दोस्ती अनमोल होती है। हर किसी के जीवन में एक न एक सच्चा दोस्त होता है। मेरा प्रिय मित्र (Mera Priya Mitra) मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। मेरा दोस्त मेरे लिए भगवान का दिया एक रूप में भी है। एक सच्चा दोस्त होने से बेहतर शायद और  कुछ नहीं है, जिसके साथ आप अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा कर सकते हैं और कभी भी जरूरत होने पर उसका समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा कुछ नहीं है जो उस अटूट प्यार और ईमानदारी की तुलना कर सके जो एक दोस्त देता है। सबसे अच्छे दोस्त हमारे जीवन को एक अर्थ देते हैं और इसे सरल और खुशहाल भी बनाते हैं।

मेरा प्रिय मित्र मेरे जीवन के सबसे बड़े खजानों में से एक है। जब मैं उसके साथ होता हूं तो कई सारी उलझनों को आसानी से सुलझा लेता हूं। जब भी मुझे सहायता या प्रोत्साहन की जरूरत होती है, मेरा प्रिय मित्र अंश हमेशा मेरे लिए तैयार होता है। हमने आपस में अपने कई सारे अनुभव साझा किए हैं और यादों का एक पिटारा भी बनाया है, जिन्हें मैं जीवन भर संजो कर रखूंगा। अंश वह पहला शख्स है, जिसके बारे में मैं किसी भी समस्या की स्थिति में सोचता हूं। जब भी मुझे कोई कठिनाई होती है, तो मेरा दोस्त अंश हमेशा मुझे सर्वोत्तम विचार देकर मेरी सहायता करता है। एक व्यक्ति जिस पर मैं अपने शेष जीवन के लिए पूरी तरह से भरोसा कर सकता हूं, वह मेरा प्रिय मित्र अंश है। हम हमेशा एक दूसरे की मदद करते हैं। हम लगभग हर रोज एक दूसरे के साथ समय बिताते हैं और एक साथ करने के लिए नई-नई रोमांचक चीजें ढूंढते हैं। हम दोनों ने एक छोटी सी लाइब्रेरी भी बनाई है, जिसमें हम ज्यादातर वक्त बिताते हैं। हम एक दूसरे को नई-नई किताबें उपहार में देते रहते हैं। इससे हमारी दोस्ती और मजबूत होती है। घर में जब भी कोई प्रोग्राम होता है, मेरा दोस्त वहां मौजूद होता है।

मेरा प्रिय मित्र पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on my best friend in 500 words in Hindi)

हर किसी के जिंदगी में एक अच्छा और ईमानदार दोस्त होना जरूरी है, हालांकि बहुत कम ही लोग होते हैं जिन्हें एक अच्छा दोस्त मिलते हैं। दोस्ती कई बार खून के रिश्तों से भी ज्यादा अहम हो जाता है। दोस्ती का कोई पैमाना नहीं होता, दोस्ती कहीं भी किसी से भी हो सकता है। वैसे तो दोस्ती हम उम्र में ही होती है, लेकिन कई मामलों में दोस्ती उम्र या जात-पात से परे हो जाता है। दोस्ती की न कोई जात होती है, न उम्र और न कोई सरहद या सीमा, यह कहीं भी किसी से भी हो सकती है।    

मेरा भी एक बहुत अच्छा दोस्त है, पहले हम दोनों एक ही गांव में रहते थे। एक साथ स्कूल जाते थे और साथ में ही शाम को गांव की गलियों में खेलते थे। हम अपने स्कूल का होमवर्क भी साथ में ही करते थे। हालांकि आगे चलकर हम दोनों अलग-अलग शहर में आ गए हैं। शहर भले अलग हो गया है, लेकिन हमारी दोस्ती आज भी वैसी ही अटूट है। हम आज भी पढ़ाई-लिखाई में एक दूसरे की मदद करते और लेते हैं। 
हम दोनों में से अगर कोई किसी प्रश्न को हल नहीं कर पाते हैं तो एक दूसरे से मदद लेते हैं। हमारे स्कूल में भी सभी बच्चे और शिक्षक जानते भी जानते हैं कि हम दोनों अच्छे दोस्त हैं। छुट्टियों में हम दोनों एक दूसरे के घर जाते हैं और हमारे परिवार के सभी लोग हमारे दोस्ती से खुश रहते हैं। हम दोनों दोस्त हमेशा ये कोशिश करते हैं कि कुछ गलत नहीं करें, जिससे हमारे परिवार को कोई परेशानी हो। हम दोनों एक दूसरे के परिवार को अपना ही परिवार समझते हैं।

आज भी जम हमें छुट्टी मिलती है, अपने दोस्त के घर जाकर कई-कई घंटे बैठे रहते हैं और बातें करते हैं। मेरा दोस्त मुझे हर तरह से मदद करता है, वो मुझे हमेशा अच्छी चीजें सिखने के लिए प्रोत्साहित करता है। वो मुझे अच्छी राह पर चलना बताता है और मुझे मेरे जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए कहता है।

हमारे स्कूल खत्म होने के बाद कुछ दिनों तक तो हम दोनों रोज ट्रेन से अपने शहर कॉलेज के लिए जाने लगे थे। हालांकि बाद में हम दोनों शहर में ही बस गए हैं, लेकिन अलग-अलग शहर में हैं। हालांकि डिजिटलीकरण ने हम दोनों को दूर होने का एहसास नहीं होने देता है। हमें जब भी वक्त मिलता है, वीडियो कॉल या फोन कॉल पर बातें कर लेते हैं, जिससे हम दूर होते हुए भी पास होने का एहसास करते हैं। हम दोनों छुट्टियों में जरूर मिलते हैं।    

हमारे जिंगदी में अनेक तरह के दोस्त मिलते हैं। कुछ दोस्त हमसे उम्र में बड़े होते हैं, जो हमसे अपने छोटे भाई के तरह व्यवहार करते हैं और हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। जिससे हमें बहुत कुछ सिखने को मिलता है। कुछ दोस्त लगभग हमारे उम्र के होते हैं, जो हमारे खास दोस्त होते हैं। जो हमारे सभी तरह के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, ऐसे दोस्तों के साथ हम लोग ज्यादा मस्ती करते हैं।

कुछ हम से छोटे उम्र के दोस्त भी होते हैं, जिन्हे हमें अपने जिंदगी में सीखी हुई बातों को सिखाना होता है। जिससे उन्हें उन दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता जो हम अपने जिंदगी में कर चुके हैं। हमें दोस्ती हमेशा ईमानदारी से निभाना चाहिए, हमें अपने दोस्त की हमेशा सहायता करना चाहिए। उसे हमें वो सभी चीजें सीखानी चाहिए, जिससे हमें जीवन में परेशानियों से लड़ने में मदद हुई है।

दोस्ती एक ऐसा पवित्र रिश्ता है, जो अच्छे और गलत सभी परिस्थितियों में हमारी मदद करता है। जब हमारा बुरा वक्त चल रहा होता है उस समय हमारा दोस्त ही हमारी मदद करता है। जब कभी हमारा दोस्त किसी परेशानी में होता है, तो उसे हमेशा मदद करनी चाहिए। जब भी मेरे दोस्त के जीवन में किसी भी तरह की परेशानी होती है, तो हम दोनों एक साथ बैठ कर उसे सुलझाते हैं। अपनी दोस्ती किसी और की बातों से कभी खराब नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हमारे जिंदगी में कुछ ऐसे भी लोग मिलते हैं, जो हमारे दोस्ती को तोड़ना चाहते हैं।
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