होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगो के बीच भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। होली रंगो और खुशियों का त्योहार है। होली का त्यौहार विश्व भर में प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार (Holi Festival) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार (Festival of Holi) हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
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होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से 200 से 500 शब्दों तक हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) लिखना सीख सकते हैं।
होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in 200 words)
होली का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। होली रंगो और खुशियों का त्योहार है। यह मौसम बड़ा सुहावना होता है। मनोरम वातावरण में सभी लोग उमंग और मस्ती के साथ इस पर्व को मनाते हैं। इस समय तक ऋतुराज बसंत का आगमन हो जाता है। चारों और खेतों मैं सरसों के पीले फूल दिखाई पड़ते हैं। प्रकृति का रंगीन वातावरण नई उमंगे लेकर आता है। भारतीयों ने इस रंगीन मौसम में होली का त्यौहार (Festival of Holi) मनाना आरंभ किया। इसीलिए इसे ‘रंगोत्सव’ भी कहा जाता है।होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली का महत्व
भारतीय त्योहारों में होली का बहुत महत्व है। होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली को फाल्गुन ’या वसंत ऋतु के आगमन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है इसे फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली का त्योहार सर्दियों के मौसम के अंत का भी प्रतीक है। यह बहुत सारे रंग, पानी के फुहारे, और गुब्बारों के संग इस दिन को और रंगीन कर देता है। होली एक सौहार्दपूर्ण त्यौहार है, जिसमें लोग वर्षों पुरानी दुश्मनी, लड़ाई, झगड़ा भुलाकर एक दूसरे से गले मिल जाते हैं, इसीलिए इस त्यौहार को दोस्ती का भी प्रतीक कहा गया है। इस दिन समाज में कोई ऊंच-नीच नहीं देखता। सभी लोग एक दूसरे को गले लगा कर होली का त्यौहार मनाते हैं। इससे समाज में ऊंच-नीच की खाई कम होती है इसलिए यह त्यौहार सामाजिक महत्व भी रखता है। इस दिन सभी लोग आपस के गिले शिकवे मिटा कर मिलते है और सभी को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते है। होली के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए लोगों को इस त्यौहार से शिक्षा मिलती है कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, हमेशा अच्छाई की जीत होती है इसलिए वह हमेशा अच्छे रास्ते को ही अपनाए। होली का महत्व (Importance of Holi) हमारे जीवन के हर पहलू में महसूस किया जाता है क्योंकि इस दिन हम अपने मतभेदों को भूल जाते हैं और त्योहार की खुशियों को साझा करने के लिए एक-दूसरे को गले लगाते हैं। भारत में होली का त्यौहार (Holi Festival in India) सभी के जीवन मे बहुत सारी खुशियॉ और रंग भरता है, लोगों के जीवन को रंगीन बनाने के कारण इसे आमतौर पर'रंग महोत्सव' कहा गया है। यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतीक होली का सामाजिक महत्व भी है। यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मनभेद और मतभेद दूर हो जाते हैं। क्योंकि लाल रंग प्यार और सौहार्द का प्रतीक होता है।ये भी पढ़ें:
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होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली कब और क्यों मनाई जाती है?
होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली के पर्व को हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अधिकतर फरवरी और मार्च के महीने में पड़ता है। इस त्योहार को बसंतोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी या किस्सा प्रचलित होता है। ‘होली’ मनाए जाने के पीछे भी कहानी है। वैसे तो होली पर कई कहानियां सुनाई व बताई जाती है लेकिन कुछ कहानियां हैं जो गहराई से हमारी संस्कृति एंव भाव से जुड़ी है। तो आईये जानते है होली मनाने के पीछे का कारण और संस्कृति एंव भाव।
कहते हैं कि प्राचीनकाल में हिरण्यकश्यप नामक राजा बड़ा ही अत्याचारी तथा अत्यंत बलशाली असुर राजा था। अपनी शक्ति के मद में चूर होकर वह स्वयं को भगवान मानने लगा। जो अपने को ही भगवान समझता था। उसने सारी प्रजा को आदेश दिया कि सब लोग ईश्वर की आराधना छोड़कर केवल उसी की आराधना किया करें, प्रजा भगवान के स्थान पर उसकी पूजा करती थी,पर उसका बेटा प्रहलाद ईश्वर का अनन्य भक्त था। उसने अपने पिता की बात न मानी, उसने ईश्वर की भक्ति में ही खुदको लीन रखा। पिता के क्रोध की सीमा न रही। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मरवाने के बहुत उपाय किए, पर ईश्वर की कृपा से कोई भी उपाय सफल न हो सका। हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम था, होलिका। उसे यह वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकश्यप की आज्ञा से प्रहलाद को होलिका की गोद में बिठाकर आग लगा दी गई पर ईश्वर की महिमा अपरंपार होती है। प्रहलाद तो बच गया पर होलिका जल गई। इसी घटना की याद में हर साल रात को होलीका जलाई जाती है और अगले दिन रंगों का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।इसी तरह भगवान कृष्ण पर आधारित कहानी होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोप व गोपियों के साथ रास रचाई तब से होली का प्रचलन हुआ। वृंदावन में श्री कृष्ण ने राधा और गोप गोपियों के साथ रंगभरी होली खेली थी इसी कारण वृंदावन की होली सबसे अच्छी और विश्व की सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। इस मान्यता के अनुसार जब श्री कृष्ण दुष्टों का संहार करके वृंदावन लौटे थे तब से होली का प्रचलन हुआ और तब से हर्षोल्लास के साथ होली मनाई जाती है।
होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in 500 words)
प्रस्तावना
होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह पर्व फागुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भारत वर्ष में खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक है। होली एक सांस्कृतिक महोत्सव है जिसमें लोग अपनी पूर्वाग्रहों और विभिन्न सामाजिक प्रतिष्ठानों को छोड़कर आपसी भाईचारा और प्रेम का आनंद लेते हैं। यह पर्व विभिन्न आदतों, परंपराओं और धार्मिक आराधनाओं के साथ मनाया जाता है और भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और आनंदमय अवसर है।
होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
विश्व के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है कहीं फूल भरी होली खेली जाती है तो कहीं लठमार होली तो कहीं होली का नाम ही अलग होता है। होली खेलने का तरीका भले ही सबका अलग अलग हो लेकिन होली हर जगह रंगों के साथ ज़रूर खेली जाती है। होलिका दहन के लिए बड़कुल्ले बनाना, होली की पूजा करना, पकवान बनाना, होलिका का दहन करना इत्यादि किया जाता है।
होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली की तैयारी कैसे करें?
होलिका दहन से एक दिन पहले उस शहर के प्रशासन, धार्मिक संस्थाओं इत्यादि के द्वारा शहर-गाँव के मुख्य चौराहों, खुली जगहों, मंदिरों इत्यादि के आसपास होलिका दहन की तैयारी की जाती हैं। इसमें एक बड़े गोलाकार क्षेत्र में लकड़ियाँ, घास-फूस, बछंटियाँ इत्यादि रखी जाती हैं। इसमें सबसे बीच में एक मोटा बांस रखा जाता हैं जिसे प्रह्लाद कहा जाता हैं। होलिका को अलग से भी रखा जा सकता हैं या इन बछंटियों को ही होलिका मान लिया जाता हैं।पकवान बनाने के बाद घर के सभी लोग उसे एक थाली में सजाकर होलिका दहन वाली जगह जाते हैं। इसके अलावा वे अपने साथ बड़कुल्ले और पूजा का अन्य सामान भी लेकर जाते हैं जिसमें कच्चा कुकड़ा (सूती धागा), लौटे में जल, चंदन इत्यादि सम्मिलित हैं। फिर उस जगह पहुंचकर होली की पूजा की जाती हैं, पकवान का भोग लगाया जाता हैं और बड़कुल्लों को उस ढेर में रख दिया जाता हैं। उसके बाद सभी लोग कच्चे कुकड़े को उस गोल घेरे के चारों और बांधते हैं और भगवान से प्रह्लाद की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। पूजा करने के पश्चात सभी अपने घर आ जाते हैं।
रात में सूर्यास्त होने के बाद पंडित जी वहां की पूजा करते हैं। सभी लोग उस स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं। उसके बाद उन लकड़ियों में अग्नि लगा दी जाती हैं। अग्नि लगाते ही, उस ढेर के बीच में रखे मोटे बांस (प्रह्लाद) को बाहर निकाल लिया जाता हैं। होलिका दहन को देखने के लिए लोग अपने घर से पानी का लौटा, कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ व कनक के बाल लेकर जाते हैं। पानी से होली को अर्घ्य दिया जाता है। दूर से उस अग्नि को कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ और कनक के बाल दिखाए जाते हैं। कुछ लोग होलिका दहन के पश्चात उसकी राख को घर पर ले जाते हैं।
होली पर निबंध (Holi Par Nibandh in Hindi) - होली कैसे खेलते है?
इन सब के बाद शुरू होता हैं असली रंगों का त्यौहार। सभी लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों के साथ होली का त्यौहार खेलते हैं। पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलने का विधान था लेकिन आजकल कई प्रकार के रंगों से होली खेली जाती हैं।
इसी के साथ लोग फूलों, पानी, गुब्बारों से भी होली खेलते हैं। कई जगह लट्ठमार होली खेली जाती हैं तो कहीं पुष्प वर्षा की जाती हैं। कई जगह कपड़ा-फाड़ होली खेलते हैं तो कई लड्डुओं की होली भी खेलते है। यह राज्य व लोगों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं। बस रंग हर जगह उड़ाए जाते हैं।
यह उत्सव लगभग दोपहर तक चलता हैं और उसके बाद सभी अपने घर आ जाते हैं। इसके बाद होली का रंग उतार लिया जाता हैं, घर की सफाई कर ली जाती हैं और नए कपड़े पहनकर तैयार हुआ जाता हैं।
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होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली के हानिकारक प्रभाव
होली का इन्तजार लोगो को पुरे साल भर रहता है। लेकिन कई बार होली पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती है जिसका ध्यान रखना चाहिए। लोगों द्वारा होली के दिन गुलाल का प्रयोग न कर के केमिकल और कांच मिले रंगों का प्रयोग किया जाता है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है कई लोग मादक पदार्थों का सेवन व भाग मिला कर नशा करते हैं जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे ही होली के दिन बच्चे गुब्बारों में पानी भर कर गाड़ियों के ऊपर फेंकते हैं या पिचकारी और रंगो को आँखों में फेंक के मरते हैं होली में ऐसे रंगों व हरकतों को न करें जिससे किसी व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ें इसलिए होली के दिन सावधानीपूर्वक रंगो को खेलिये जिससे किसी के लिए हानिकारक न हो।
सुरक्षित तरीके से होली खेलने के सुझाव
होली का त्योहार (Holi Festival) ऐसा त्योहार है, जिसमें सभी लोग इसके रंग में डूबे नजर आते हैं, लेकिन इसकी मौज-मस्ती आपको इन बातों का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए ताकि इस प्यार भरे उत्सव का मजा किरकिरा न हो।
- होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर और बालों पर अच्छी तरह तेल और मॉइश्चराइजर लगा लें। ताकि रंग आसानी से छूट जाएं।
- होली खेलने के लिए नैचुरल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें, कैमिकल भरे रंगों के इस्तेमाल से बचें। क्योंकि कैमिकल वाले रंगों की वजह से कई बार स्किन एलर्जी तक हो जाती है।
- होली में ज्यादा पानी को बर्बाद न करें।
- होली पर फुल कपड़े पहनने की कोशिश करें, ताकि कलर ज्यादा स्किन पर न आए।
- होली में किसी पर जबरदस्ती कलर नहीं डालें और ध्यान रखें कि मौज-मस्ती में किसी को चोट न आए।
- होली की मौज-मस्ती में बच्चों का विशेष ख्याल रखें, कई बार ज्यादा समय तक पानी में गीले रहने से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं
होली रंग का त्योहार है, जिसे मस्ती और आनंद के साथ मनाया जाता है। होली में पानी और रंग में भीगने के लिए तैयार रहें, लेकिन खुद को और दूसरों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी सावधान रहें। अपने दिमाग को खोलें, अपने अवरोधों को बहाएं, नए दोस्त बनाएं, दुखी लोगों को शांत करें और टूटे हुए रिश्तों को जोड़ें। चंचल बनें लेकिन दूसरों के प्रति भी संवेदनशील रहें। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न करें और हमेशा अपने आचरण की देखरेख करें। इस होली में केवल प्राकृतिक रंगों से खेलने का संकल्प लें।
होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां
होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ असामाजिक तत्व अपने गलत आचरण से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ लोग होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग और गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा। इसलिए होली में कुरीतियों से बचें और खुशुयों से होली मनाये यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है।
होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) कुछ लाइनों में लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से होली पर निबंध 10 लाइनों (Holi Par Nibandh 10 Lines) में लिखना सीखें।
होली पर निबंध 10 लाइन (Holi Par Nibandh 10 Lines)
1. होली भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।2. होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है।
3. होली प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मॉस की पूर्णिमा को मनाई जाती है।
4. इस त्यौहार को प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है।
5. होलिका दहन को अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में जाना जाता है।
6. होलिका दहन के दिन सभी लोग अपने घरो से 5 लकड़िया, गोबर के उपले और घर में बने कुछ पकवान अग्नि को समर्पित करते है।
7. होली के दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते है।
8. इस दिन लोगो के घरो में गुजिया पकोड़े और ढेर सरे पकवान बनते है।
9. होली त्यौहार को बच्चे बूढ़े सभी बड़े प्यार और स्नेह के साथ मिलकर मनाते है।
10. हिन्दुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी होली को मनाते हैं।
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