गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण (Republic Day Speech in Hindi) - 26 जनवरी पर शानदार भाषण लिखने का तरीका यहां जानें

Amita Bajpai

Updated On: March 07, 2024 12:39 pm IST

इस आर्टिकल में हम आपको गणतंत्र दिवस के महत्व और साथ ही बेहतर तरीके से गणतंत्र दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें। यदि आप भी हिंदी में गणतंत्र दिवस पर शानदार भाषण (Republic day Speech in Hindi) तैयार करना चाहते हैं तो आप दिया गया पूरा आर्टिकल पढ़े।

गणतंत्र दिवस पर भाषण, हिंदी में रिपब्लिक डे स्पीच

हर साल भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के अवसर स्कूल-कॉलेजों में बच्चें बढ़-चढ़ कर भाग लेते है, स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Speech on Independence Day in Hindi) तैयार करते है, तरह-तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत करते है।  26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू कर हिंदुस्तान को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। इस दिन की याद में ही प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारत आजाद तो 15 अगस्त, 1947 को हुआ, लेकिन 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया गया।
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भारत वर्ष में यह दिन बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसी दिन भारत की राजधानी दिल्ली में परेड निकाली जाती है। गणतंत्र दिवस (Republic Day) के इस अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा देश के नाम सन्देश दिया जाता है। इसी दिन दिल्ली के राजपथ से बड़ी ही आकर्षक तरीके से परेड निकाली जाती है इस परेड में भारतीय जल, थल और वायु सेना भाग लेती है। परेड राजपथ से होते हुए इंडिया गेट तक निकाली जाती है। इन सभी सेनाओं को भारत के राष्ट्रपति जी के द्वारा सलामी दी जाती है। इतना ही नहीं इस दिन भारत के अनेक प्रांतो के लोकनिर्त्य, वेषभूषाओं और संस्कृति की भी झाकियां प्रस्तुत की जाती हैं। भारत के सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, प्राइवेट सेक्टर में इस दिन को बड़े ही उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस (Republic Day) सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन के अवसर पर बच्चों के द्वारा गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण तैयार किये जाते है। बच्चों को गणतंत्र दिवस के महत्व को समझाने के लिए गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध लिखने को दिये जाते है। 

गणतंत्र दिवस 2023 की महत्वपूर्ण हाइलाइट्स (Important Highlights of Republic Day 2023)

  1. गणतंत्र दिवस 2023: भारत ने अपने 74वें गणतंत्र दिवस को पूरे उत्साह के साथ मनाया, नए पुनर्निर्मित सेंट्रल विस्टा में ठंड के मौसम और कई सुरक्षा जांचों का सामना किया। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने अपने गणतंत्र होने के 74 साल पूरे होने का जश्न सावधानीपूर्वक डिजाइन की गई झांकी, विभिन्न मार्चिंग टुकड़ियों, तिरंगे की सजावट और मस्ती से भरी भीड़ के साथ मनाया।
  2. इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हमारे शहीद नायकों को श्रद्धांजलि देने और उनके बलिदान को याद करने के लिए की गई थी।
  3. लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत, एक महिला नौसैनिक वायु संचालन अधिकारी, ने भारतीय नौसेना के 144 युवा नाविकों के दल का नेतृत्व किया और इसकी झांकी ने 'नारी शक्ति' को बलपूर्वक प्रदर्शित किया।
  4. नृत्य उत्सव - संस्कृति मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में पूरे भारत के कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रदर्शन देखा।
  5. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी मुख्य अतिथि थे। यह पहली बार है जब मिस्र के किसी राष्ट्राध्यक्ष को समारोह में आमंत्रित किया गया है। मिस्र के सशस्त्र बलों ने भाग लिया।
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गणतंत्र दिवस का महत्व (Importance of Republic Day)

बच्चों के लिए गणतंत्र दिवस पर भाषण (Speech on Republic Day for Children) - देश की आजादी के लगभग तीसरे साल में यानी 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। संविधान लागू होने के बाद भारत एक संप्रभु राष्ट्र बन गया। गणतंत्र दिवस (Republic Day) सभी देशवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन सभी जवानों को पुरस्कार और पदक दिए जाते हैं और उन्हें सम्मानित किया जाता है। भारत के प्रधानमंत्री जी द्वारा इस दिन देश के बहादुर युवाओं को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने देश के विकास और मानव जीवन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया हो। भारत के सभी वीर जवानों के बलिदान से ही आज हम स्वतंत्र हैं।

इस लेख में हम आपको गणतंत्र दिवस के महत्व और साथ ही बेहतर तरीके से गणतंत्र दिवस पर भाषण कैसे तैयार करते हैं ये भी बताएंगे। यदि आप भी हिंदी में गणतंत्र दिवस पर शानदार भाषण (Republic day Speech in Hindi) तैयार करना चाहते हैं तो आप इस लेख को पढ़ सकते हैं। इस नीचे 26 जनवरी 2024 गणतंत्र दिवस पर भाषण लिख कर बताया गया है, जिसे देख कर आप भी बेहतर भाषण तैयार कर सकते हैं।

गणतंत्र दिवस पर भाषण (Speech on Republic Day) - कौन देता है?

गणतंत्र दिवस पर नेता, मंत्री, अधिकारीयों, अध्यापकोऔर छात्रों द्वारा भाषण दिए जाते हैं। भारत के सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, प्राइवेट सेक्टर में इस दिन बड़े ही उत्साह के साथ में गणतंत्र दिवस (Republic Day) को सेलिब्रेट किया जाता है। 26 जनवरी पर शिक्षकों और बच्चों द्वारा भाषण (26 January speech in Hindi) दिए जाते हैं जहां पर गणतंत्र दिवस के महत्व बताते है और नये नये कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जाते है।

अगर आपको स्टेज पर जाकर हिंदी में गणतंत्र दिवस भाषण (Republic Day Speech In hindi) देना है तो आपके लिए हमारा यह आर्टिकल बहुत ही मददगार साबित होने वाला है। जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें। आपको किस तरह से अपनी स्पीच को आकर्षक तरीके से प्रजेंट कर पाये उसमें मदद मिलेगी। 

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आप नीचे बताए गए तरीके को फॉलो करके आसानी से गणतंत्र दिवस पर हिंदी में भाषण (Republic Day Speech in Hindi) तैयार कर सकते हैं। 

माननीय अतिथिगण, शिक्षक वर्ग, मित्रगण और मेरे भाई बहनों आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें। मेरा नाम …….. है। और मैं कक्षा ….. में पढ़ता/पढ़ती हूँ। या मैं एक शिक्षक हूं/ या जिस पद पर भी कार्यरत है। अपने भाषण की शुरुआत उन सभी को नमन करते हुए करेंगे जिन्होंने अंग्रेजो से संघर्ष करते हुए बलिदान दिया। आजगणतंत्र दिवसके उपलक्ष्य में हम सब यहां एकत्रित हुए हैं और मुझे गर्व है कि मैं भारत का एक नागरिक हूँ। भारत के वे सभी नायक जिन्होंने हमें आजादी दिलाने में अपनी कुर्बानी दे दी आज उनको याद करते हुए उनको श्रद्धांजलि देते हुए हम गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहे हैं। भारत के जो महान स्वतंत्रता सेनानी नेता सरदार भगत सिंह, सरदार बल्ल्भ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, चंद्र शेखर आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, और महात्मा गाँधी हमें आजादी दिलाने में अपनी जीवन लगा दी। इन महान नायकों का नाम इतिहास में लिखा है और बड़े ही सम्मान के साथ इनका नाम लिया जाता है। इस दिन भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी को भी याद किया जाता है। आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं आपसे इस दिन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहता हूँ। हम रिपब्लिक डे मना रहे हैं तो हमें आज के दिन, संविधान के इतिहास के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी आवश्यक है।

आज हम यहां पर सभी एकत्रित होकर अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। इस दिन को भारत गणतंत्र रूप में घोषित किया गया था। हमारे देश को स्वतंत्र करने के लिए बहुत से महापुरुषों ने संघर्ष करते करते अपनी कुर्बानी दे दी। और ये दिन इतिहास के लिए काफी महत्वपूर्ण माना गया है। हमारा देश 200 वर्षों के बाद अंग्रेजी हुकूमत से आजाद होने के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू किया गया ताकि देश के सभी नागरिकों को अधिकार प्राप्त हो सके। और संविधान में सभी नियम, कानून बनाये गए। जिससे की सुचारु रूप से लागू भी कर दिया गया। जिससेआज ही के दिन हमारा भारत डेमोक्रेटिव रिपब्लिक बना था। गणतंत्र का अर्थ होता है जनता का जनता के द्वारा शासन। यानी की जनता खुद ही अपने नेता का चयन कर सकती है। जनता के कहने पर ही चयनित नेता कार्य करेगा। जिन सेनानियों ने हमें अपना स्वराज्य वापस दिलाया है आज उन्ही की बदौलत से हम आजाद है हम पर कोई भी जबरन काम करने के लिए दबाव नहीं डाल सकते।

आपको बता दें, कि हमारे संविधान को बनने में आजादी के बाद 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। हमारा संविधान 2 भाषाओँ में लिखित है अंग्रेजी और हिंदी जिसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा के द्वारा लिखा गया था। जब संविधान बना था उस समय हमारे संविधान में कुल 396 अनुच्छेद, 8 सूचियां और 22 भाग थे। जिनमें अभी तक 104 संशोधन किये गए हैं। और इन्ही नियमों अधिकारों को लागू करके हमें सिखाया की हमें कैसे रहना है और कैसे अपने नियम कानूनों का पालन करना है। संविधान को डॉ भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में रहकर 284 सदस्यीय टीम ने तैयार किया जिसमें 15 महिला सदस्य भी थी। हमारा संविधान हस्तलिखित था। इसमें न तो कोई टेलीप्रिंटिंग थी और ना ही टाइपिंग थी। हमारा संविधान विश्व का लिखित सबसे बड़ा संविधान है। जिसे बनाने में 6 माह का समय लगा। हमारे देश में संविधान ही एक मात्र ऐसा है जो सभी धर्म, जाति के लोगों को जोड़ के रखता है। इस दिन वीरों को राष्ट्रपति द्वारा अशोक चक्र परमवीर चक्र से सम्मानित किया जाता है।
आइए, सबसे पहले गणतंत्र दिवस के पावन मौके पर हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करें और उन्हें श्रद्धांजलि दें जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। गणतंत्र दिवस के मौके पर हम अपने संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रण लें। हम एक मजबूत, अधिक समृद्ध और अधिक समावेशी भारत बनाने के लिए मिलकर काम करें जो अपने सभी नागरिकों के लिए समान अवसर और न्याय प्रदान करे।

भारत ने पिछले 74 वर्षों में कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है और हमें अपनी उपलब्धियों पर गर्व हो सकता है। हमने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आज, भारत दुनिया के कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और नवोन्मेषी कंपनियों का घर है, और हम आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और नवीकरणीय ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में अग्रणी हैं। हालांकि, हमें कई चुनौतियों का भी सामना कर रहें है जैसे गरीबी, असमानता और सामाजिक अन्याय हमारे समाज को लगातार त्रस्त कर रहे हैं, और हमें इन मुद्दों के समाधान के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना चाहिए। हमें जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट से उत्पन्न चुनौतियों का भी समाधान करना चाहिए। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमें एक साथ काम करने और एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।

देश के सामने मौजूद चुनौतियां (Challenges Faced by the Country)

 भारतीय गणतंत्र के समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं, जो इतना समय बीत जाने के बाद भी जैसी की तैसी हमारे सामने खड़ी है। इन चुनैतियों पर काम करने की बहुत जरुरत है-

1. भ्रष्टाचार (Corruption)- देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है, स्थिति बेहद निराशाजनक होती जा रही है। जनता सुविधाओं से वंचित है। अधिकांश नेता मंत्री, सरकारी अफसर, कर्मचारी जिनके पास जिम्मेदारियां हैं वे उनका ईमानदारी से निर्वाह नहीं कर रहे हैं। हर कोई गलत तरीके से पैसे कमाने को लालायित है। जनता की सेवा से जुड़े राजनीति के क्षेत्र में अपराधियों और भ्रष्ट लोगों का जमावड़ा है। अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से न देश और समाज का कभी भला हुआ है और न ही होगा।

2. खराब स्वास्थ्य सेवा (Poor Health Care)- तेजी अपने पैर पसारती कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग असमय काल के गाल में समा गए। रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विषयों की सरकारों द्वारा अनदेखी का नतीजा यह है कि मरीजों के लिए अस्पताल में बेड तक नहीं हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग दम तोड़ रहे हैं। लोगों को समुचित इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है। लोकतंत्र की आत्मा, जनता रामभरोसे है।

3. बेरोजगारी (Unemployment)-  बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, निर्माण क्षेत्र की अनदेखी, किसानों को फसलों का उचित मूल्य न मिलना आदि जैसी बहुत सी समस्याएं हैं जो हमारे आस-पास नजर आ जाएंगी। समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शासन-प्रशासन तंत्र नाकाम रहा है।

4. सांप्रदायिकता (Communalism)- भारतीय संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष रखा गया ताकि देश के सभी नागरिक को समान अधिकार मिले, किसी के साथ भेदभाव न हो, लेकिन राजनैतिक दलों ने इसके ताने-बाने को उधेड़कर रख दिया है। राजनैतिक दल सत्ता के लालच में समाज को धर्म और जातियों में बांटने की नीति चलाते हैं। जिसके चलते विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच मनमुटाब बढ़ रहा है जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।

हमें प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भाषण (Speech on Republic Day) सुनने को मिलते हैं, उनमें देश की समस्याओं का जिक्र होता है और गौर करेंगे तो पता चलेगा कि ये समस्याएं आज की नहीं हैं, ये तो कई दशकों से देश में मौजूद हैं और स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों, निबंधों में इनका जिक्र होता रहा है पर समाधान अब तक नहीं हो सका है। देश की समस्याओं को दूर करने के लिए वर्तमान व्यवस्था में व्यापक बदलाव की जरूरत होगी। भ्रष्टाचार लगभग हर समस्या की एकमात्र जड़ है। इसको अगर खत्म कर दिया जाए तो धीरे-धीरे बाकी सब समस्याएं कम होने लगेंगी। देश की राजनैतिक व्यवस्था में भी सुधार की भारी जरूरत है। 

स्वतंत्र दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर (Difference Between Independence day and Republic day)

तारीखों के मुताबिक दोनों के इतिहास को समझकर अंतर किया जा सकता है। 15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। इसलिए इस दिन को भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर हर साल मनाया जाता है। वहीं देश की आजादी के लगभग तीसरे साल में यानी 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। संविधान लागू होने के बाद भारत एक संप्रभु राष्ट्र बन गया। इसका असर यह हुआ कि भारत एक गणतांत्रिक देश बन गया जो कि किसी बाहरी देश के फैसलों और आदेशों को मानने के लिए बाध्य नहीं रह गया। साथ ही भारत के आंतरिक मामलों में कोई अन्य देश दखल भी नहीं दे सकता है।

15 अगस्त और 26 जनवरी पर तिरंगा फहराने का अंतर

भले ही 15 अगस्त और 26 जनवरी दोनों ही राष्ट्रीय पर्व हैं लेकिन इन्हें मनाने के तरीके में अंतर होता है। 15 अगस्त और 26 जनवरी को पूरे देश में ध्वजारोहण होता है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडे को नीचे से रस्सी के जरिए खींचकर फहराया जाता है। इसे ध्वजारोहण कहते हैं। लेकिन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है। उसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना कहते हैं। संविधान में इसका जिक्र कहते हुए इस प्रक्रिया को फ्लैग अनफर्लिंग कहा गया।
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