रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi): कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए राखी पर हिंदी में निबंध

Amita Bajpai

Updated On: August 19, 2025 11:20 AM

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi): रक्षाबंधन या राखी का शुभ त्यौहार भाई बहनों का त्योहार है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और हमारे भाई-बहनों के साथ हमारे संबंधों का जश्न मनाता है। इस अवसर पर आइए देखते है 200 और 500 शब्दों में रक्षा बंधन पर निबंध।
रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi)

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi): श्रावणी पूर्णिमा के दिन रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को 'रक्षा बंधन' कहते हैं। पहले के समय में, रक्षा के वचन का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के अंतर्गत निभाया जाता था पर समय बीतने के साथ यह भाई बहन के बीच का प्यार बन गया है। जिसे बड़ी ही खुशी के साथ मनाया जाता है। भारत त्योहारों का देश है। भारत में हर महीने एक नया त्योहार आता है जो लोगों को एक साथ लाता है। ऐसा ही एक त्योहार है रक्षा बंधन। यह बहनों और भाइयों के बीच के बंधन का एक बहुत ही खास अवसर है। बहनें अपने भाई की कलाई पर विश्वास और आस्था की डोर बांधती हैं। इस साल रक्षा बंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का वचन देता है। यह पर्व उनके प्यार और संबंध को मजबूती देता है। इसके साथ ही भाई बहनों को उपहार भी देते हैं और खुशियों का त्योहार मनाते हैं। इस लेख से आप शॉर्ट में रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Short in Hindi), लॉग में रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Long in Hindi) में लिख सकते है।

राखी पर्व हमारे संबंधों को मजबूत बनाने का एक अच्छा मौका लेकर आता है और परिवार के बंधनों को मजबूत बनाता है। आप इस आर्टिकल्स से रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) लिखना सीख सकते है। कक्षा 5 के लिए रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan for Class 5 in Hindi), कक्षा 8 के लिए रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan for Class 8 in Hindi), कक्षा 10 के लिए रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan for Class 10 in Hindi), कक्षा 12 के लिए रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan for Class 12 in Hindi) यहां से लिखना सीख सकते है।

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रक्षाबंधन पर निबंध 100 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in 100 words in Hindi)

इस साल रक्षाबंधन कब है? (Raksha Bandhan Kab Hai?)

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया गया। अगर ग्रेगोरियन कैलेंडर की बात की जाए तो इस साल 9 अगस्त दिन शनिवार 2025 को रक्षाबंधन मनाया जाएगागया था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 9 अगस्त को प्रातः 03:04 मिनट पर शुरू हुई थी। वहीं इसकी समापन की बात की जाए तो 9 अगस्त को मध्य रात्रि 11:55 पर समाप्त हुआ।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 02:12 से 1:24 PM तक रहा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 23 घंटे 15 मिनट का रहा।
  • राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ - दोपहर 02:12 से
  • राखी बांधने का शुभ मुहूर्त  समापन- 1:24 PM तक
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रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in 200 words in Hindi)

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan par nibandh) 200 शब्दों में कुछ इस प्रकार है-

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi) - “रक्षाबंधन” भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाता है। यह पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिसका मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की रक्षा करेगा। इसके साथ भाई अपनी बहन को उपहार भी देता है।

राखी का यह परंपरागत आचरण भाई-बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। रक्षाबंधन एक परिवार में खुशियों और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह दिन भाई-बहन के बीच विशेष संबंध को मजबूती देता है और उनके प्यार को और भी गहराई देता है। इसके साथ ही, यह पर्व भाई-बहन के आपसी समर्थन और साथीपन की महत्वपूर्णता को भी प्रकट करता है।

इस दिन प्रातः स्नानादि करके लड़कियाँ और महिलाएं पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई, फूल और कुछ पैसे भी होते हैं। लड़के और पुरुष तैयार होकर टीका करवाने के लिये पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर फूलों को छिड़का जाता है, उसकी आरती उतारी जाती है और दाहिनी कलाई पर राखी बाँधी जाती है। भाई बहन को उपहार या धन देता है। इस प्रकार रक्षाबन्धन के अनुष्ठान को पूरा करने के बाद ही भोजन किया जाता है।

प्रत्येक पर्व की तरह उपहारों और खाने-पीने के विशेष पकवानों का महत्त्व रक्षाबन्धन में भी होता है। आमतौर पर दोपहर का भोजन महत्त्वपूर्ण होता है और रक्षाबन्धन का अनुष्ठान पूरा होने तक बहनों द्वारा व्रत रखने की भी परम्परा है। यह पर्व भारतीय समाज में इतनी व्यापकता और गहराई से समाया हुआ है कि इसका सामाजिक महत्त्व तो है ही, धर्म, पुराण, इतिहास, साहित्य और फ़िल्में भी इससे अछूते नहीं हैं। यह बहुत ही खास त्योहार होता है। इस त्योहार को बहुत खुशी से मनाते है और सभी रश्में पूरी करते है।

समारोह और खास त्योहारी व्यंजन इस दिन को और भी ज्यादा यादगार बनाते हैं। रक्षाबंधन के माध्यम से हम अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ समय बिता सकते हैं और उनके साथ खुशियाँ मना सकते हैं। समानता, समर्पण और प्यार की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। इस त्योहार के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं। आप यहां से रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in 200 words in Hindi) लिखना सीखें।

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रक्षाबंधन पर निबंध 500+ शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in 500+ Words in Hindi)

रक्षाबंधन पर निबंध (एसे (Raksha Bandhan Nibandh (Essay) - हमारा देश अनेक रिश्तों के बंधनों में बंधा हुआ देश है, जिसमें से एक पवित्र रिश्ता भाई और बहन का भी है, जो प्रेम की एक ऐसी अटूट डोर से बंधा हुआ है जिसे चाह कर भी कभी तोड़ा नहीं जा सकता। रक्षाबंधन के दिन राखी का विशेष महत्त्व होता है। वैसे तो राखी कच्चे धागे से बनी होती है, पर जब ये रक्षाबंधन पर्व के दिन भाई की दाहिनी कलाई में बंधती है, तो वह बहन का रक्षासूत्र बन जाती है। जिसमें बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु की कामना करती हैं और भाई भी जीवनभर अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले रक्षाबंधन के पर्व को राखी (Rakhi) का त्योहार भी कहते हैं।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?

रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अगस्त के महीने में आती है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व होता है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है। रक्षाबंधन के दिन बाजार मे कई सारे उपहार बिकते है, उपहार और नए कपड़े खरीदने के लिए बाज़ार मे लोगों की सुबह से शाम तक भीड़ होती है और घर मे मेहमानों का आना जाना रहता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi) - भाई-बहन के प्यार का प्रतीक

रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के बीच पवित्र प्रेम के प्रतीक को सदियों से दर्शाता हुआ चला आ रहा है। रक्षाबंधन का अर्थ होता है रक्षा का बंधन। जब एक भाई रक्षासूत्र के समान राखी अपनी कलाई में बांध लेता है, तो वह इस पवित्र प्रेम बंधन से बंध जाता है और अपने प्राणों की चिंता किये बिना भी हर हाल में अपनी बहन की रक्षा करता है। रक्षाबंधन भाई और बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक के साथ-साथ भाई-बहन के रिश्ते की अटूट डोर का भी प्रतीक है। रक्षाबंधन का त्योहार भावनाओं और संवेदनाओ का त्योहार है, जिसमें हर भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन उसे देता है। हर भाई-बहन को रक्षाबंधन के दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है जिसे बड़ें ही खुशियों के साथ मनाते है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन की तैयारियाँ

इस दिन बहने प्रात: काल में स्नानादि करके, कई प्रकार के पकवान बनाती है, इसके बाद पूजा की थाली सजाई जाती है। पूजा की थाली में राखी के साथ कुमकुम रोली, हल्दी, चावल, दीपक, अगरबती, मिठाई रखी जाती है। भाई को बिठाने के लिये उपयुक्त स्थान का चयन किया जाता है।

सबसे पहले अपने ईष्ट देव की पूजा की जाती है। भाई को चयनित स्थान पर बिठाया जाता है, इसके बाद कुमकुम हल्दी से भाई का टीका करके चावल का टीका लगाया जाता है और अक्षत सिर पर छिडके जाते है, आरती उतारी जाती है और भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है। सब अनूष्ठान पूरा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करती है। भारत के अन्य त्यौहारों की तरह इस त्यौहार पर भी उपहार और पकवान अपना विशेष महत्व रखते है।

रक्षाबंधन का महत्त्व (Importance of Raksha Bandhan in Hindi)

रक्षा बंधन का पर्व विशेष रुप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व है, यह एक ऐसा बंधन है जो दो जनों को स्नेह की धागे से बांधता है। रक्षा बंधन को भाई - बहन तक ही सीमित रखना सही नहीं होगा बल्कि ऐसा कोई भी बंधन जो किसी को भी बांध सकता है। भाई - बहन के रिश्तों की सीमाओं से आगे बढ़ते हुए यह बंधन आज गुरु का शिष्य को राखी बांधना, एक भाई का दूसरे भाई को, बहनों का आपस में राखी बांधना और दो मित्रों का एक-दूसरे को राखी बांधना, माता-पिता का संतान को राखी बांधना हो सकता है। आज के परिपेक्ष्य में राखी केवल बहन का रिश्ता स्वीकारना नहीं है अपितु राखी का अर्थ है, जो यह श्रद्धा व विश्वास का धागा बांधता है वह राखी बंधवाने वाले व्यक्ति के दायित्वों को स्वीकार करता है उस रिश्ते को पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश करता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन का पौराणिक प्रसंग

राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे। एक बार दैत्‍य वृत्रासुर ने इंद्र का सिंहासन हासिल करने के लिए स्‍वर्ग पर चढ़ाई कर दी, वृत्रासुर बहुत ताकतवर था और उसे हराना आसान नहीं था। युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया। युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया।संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। लोगों का विश्वास है कि इन्द्र इस लड़ाई में इसी धागे की मन्त्र शक्ति से ही विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है।

इतिहास में श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी भी प्रसिद्ध है, जिसमें जब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तब उनकी तर्जनी में चोट आ गई। द्रौपदी ने उस समय अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उँगली पर पट्टी बाँध दी, और इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी संकट में द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था और उसी के चलते कृष्ण ने इस उपकार का बदला बाद में चीरहरण के समय उनकी साड़ी को बढ़ाकर चुकाया। कहते हैं परस्पर एक दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना रक्षाबन्धन के पर्व में यहीं से प्रारम्भ हुई।

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रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन का ऐतिहासिक प्रसंग

राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएँ उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ-साथ हाथ में रेशमी धागा भी बाधां करती थी। इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हें विजयश्री के साथ वापस ले आयेगा। राखी के साथ एक और प्रसिद्ध कहानी जुड़ी हुई है। कहते हैं, मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली। रानी लड़ऩे में असमर्थ थी अत: उसने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेज कर रक्षा की याचना की। हुमायूँ ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुँच कर बहादुरशाह के विरूद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती व उसके राज्य की रक्षा की।

एक अन्य प्रसंगानुसार सिकन्दर की पत्नी ने अपने पति के हिन्दू शत्रु पुरूवास (पोरस) को राखी बाँधकर अपना मुँहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकन्दर को न मारने का वचन लिया। पुरूवास ने युद्ध के दौरान हाथ में बँधी राखी और अपनी बहन को दिये हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकन्दर को जीवन-दान दिया।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन का साहित्यिक प्रसंग

अनेक साहित्यिक ग्रन्थ ऐसे हैं जिनमें रक्षाबन्धन के पर्व का विस्तृत वर्णन मिलता है। इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण है हरिकृष्ण प्रेमी का ऐतिहासिक नाटक रक्षाबन्धन जिसका 1991 में 18वाँ संस्करण प्रकाशित हो चुका है। मराठी में शिन्दे साम्राज्य के विषय में लिखते हुए रामराव सुभानराव बर्गे ने भी एक नाटक की रचना की जिसका शीर्षक है राखी ऊर्फ रक्षाबन्धन। पचास और साठ के दशक में रक्षाबन्धन हिंदी फ़िल्मों का लोकप्रिय विषय बना रहा। ना सिर्फ़ ‘राखी’ नाम से बल्कि ‘रक्षाबन्धन’ नाम से भी कई फ़िल्में बनायीं गयीं।

‘राखी’ नाम से दो बार फ़िल्म बनी, एक बार सन 1949 में, दूसरी बार सन 1962 में, सन 62 में आई।  फ़िल्‍म को ए. भीमसिंह ने बनाया था, कलाकार थे अशोक कुमार, वहीदा रहमान, प्रदीप कुमार और अमिता। इस फ़िल्म में राजेंद्र कृष्‍ण ने शीर्षक गीत लिखा था- “राखी धागों का त्‍यौहार”। सन 1972 में एस.एम.सागर ने फ़िल्म बनायी थी ‘राखी और हथकड़ी’ इसमें आर.डी.बर्मन का संगीत था।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन का सामाजिक प्रसंग

ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। यह एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। यही कारण है कि इस अवसर पर न केवल बहन भाई को ही अपितु अन्य सम्बन्धों में भी रक्षा (या राखी) बाँधने का प्रचलन है। गुरु शिष्य को रक्षासूत्र बाँधता है तो शिष्य गुरु को। भारत में प्राचीन काल में जब स्नातक अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात गुरुकुल से विदा लेता था तो वह आचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उसे रक्षासूत्र बाँधता था। जबकि आचार्य अपने विद्यार्थी को इस कामना के साथ रक्षासूत्र बाँधता था कि उसने जो ज्ञान प्राप्त किया है वह अपने भावी जीवन में उसका समुचित ढंग से प्रयोग करे ताकि वह अपने ज्ञान के साथ-साथ आचार्य की गरिमा की रक्षा करने में भी सफल हो। इसी परम्परा के अनुरूप आज भी किसी धार्मिक विधि विधान से पूर्व पुरोहित यजमान को रक्षासूत्र बाँधता है और यजमान पुरोहित को। इस प्रकार दोनों एक दूसरे के सम्मान की रक्षा करने के लिये परस्पर एक दूसरे को अपने बन्धन में बाँधते हैं। रक्षाबन्धन पर्व सामाजिक और पारिवारिक एकबद्धता या एकसूत्रता का सांस्कृतिक उपाय रहा है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan) - स्वतंत्रता संग्राम में रक्षाबंधन की भूमिका

स्वतंत्रता संग्राम काल में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, जो भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्रीय एकता और आत्मनिर्भरता को संरक्षित करता था।

राष्ट्रीय एकता को समर्थन: स्वतंत्रता संग्राम के समय, रक्षा बंधन ने लोगों को राष्ट्रीय एकता और समरसता की भावना के साथ एकजुट किया। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भारतीयों ने एकत्र होकर विदेशी शासन से मुक्ति के लिए संघर्ष किया। रक्षा बंधन के अवसर पर भाई-बहन एक-दूसरे के साथ आदर्श एकता का प्रतीक बन जाते थे।

राष्ट्रीय भाव को उत्साहित करना: रक्षा बंधन स्वतंत्रता संग्राम के समय राष्ट्रीय भाव को उत्साहित करता था। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए जान की बाजी लगाई थी, और रक्षा बंधन के अवसर पर उन्हें समर्थन मिलता था और उनके लिए दुआएं बनती थी।

आत्मनिर्भरता की प्रेरणा: स्वतंत्रता संग्राम के समय रक्षा बंधन ने भारतीयों को आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दी। देश को स्वतंत्र बनाने के लिए, भारतीयों को अपने आप को सशक्त बनाने और देश के लिए स्वयं को समर्पित करने की जरूरत थी। रक्षा बंधन ने इस आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को शक्तिशाली बनाया।

संबंधों को मजबूत करना: रक्षा बंधन के त्योहार ने भारतीयों के संबंधों को मजबूत किया। भाई-बहन के प्रेम और सम्मान को बढ़ावा देने से उनके बीच एक गहरा बंधन बनता था, जो आपसी समरसता को बढ़ावा देता था।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - रक्षाबंधन पर सरकारी प्रबंध

भारत सरकार द्वारा रक्षा बंधन के अवसर पर डाक सेवा पर छूट दी जाती है। इस दिन के लिए खास तौर पर 10 रुपये वाले लिफाफे की बिक्री की जाती है। इस 50 ग्राम के लिफाफे में बहनें एक साथ 4-5 राखी भाई को भेज सकती हैं। जबकी सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक राखी ही भेजी जा सकती है। यह ऑफर डॉक विभाग द्वारा बहनों को भेट है अतः यह सुविधा रक्षाबंधन तक ही अपलब्ध रहता है। और दिल्ली में बस, ट्रेन तथा मेट्रो में राखी के अवसर पर महिलाओं से टिकट नहीं लिया जाता है। इसके अलावा और भी प्रदेशों में राखी के दिन महिलाओं के लिए बस की सुविधा फ्री की जाती है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Hindi Nibandh) - राखी और आधुनिक तकनीकी माध्यम

आज के आधुनिक तकनीकी युग एवं सूचना सम्प्रेषण युग का प्रभाव राखी जैसे त्योहार पर भी पड़ा है। बहुत सारे भारतीय आजकल विदेश में रहते हैं एवं उनके परिवार वाले (भाई एवं बहन) अभी भी भारत या अन्य देशों में हैं। इण्टरनेट के आने के बाद कई सारी ई-कॉमर्स साइट खुल गयी हैं, जो ऑनलाइन आर्डर लेकर राखी दिये गये पते पर पहुँचाती है। इससे देश-विदेश रहने वाले भाई-बहनों के लिए भी यह त्योहार मनाना आसान हो गया है। इस तरह आज के आधुनिक विकास के कारण दूर-दराज़ में रहने वाले भाई-बहन जो राखी पर मिल नहीं सकते, आधुनिक तरीकों से एक दूसरे को देख और सुन कर इस पर्व को सहर्ष मनाते हैं।

उपसंहार (Epilogue)

आज यह त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान है और हर भारतवासी को इस त्योहार पर गर्व है। आज कई भाइयों की कलाई पर राखी सिर्फ इसलिए नहीं बंध पाती क्योंकि उनकी बहनों को उनके माता-पिता ने इस दुनिया में आने ही नहीं दिया। यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि जिस देश में कन्या-पूजन का विधान शास्त्रों में है वहीं कन्या-भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं। यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि बहनें हमारे जीवन में कितना महत्व रखती हैं।

राखी का भाईयों-बहनों के लिए एक खास महत्व है। इनमें से कई सारे भाई-बहन एक-दूसरे से व्यावसायिक और व्यक्तिगत कारणों से मिल नहीं पाते, लेकिन इस विशेष अवसर पर वह एक-दूसरे के लिए निश्चित रुप से समय निकालकर इस पवित्र पर्व को मनाते हैं, जो कि इसकी महत्ता को दर्शाता है। हमें इस पवित्र त्योहार की रक्षा करते हुए इसे नैतिक भावों के साथ खुशी-खुशी मनाना चाहिए। आप यहां से रक्षाबंधन पर निबंध 500+ शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in 500+ Words in Hindi), रक्षाबंधन पर निबंध 1000 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in 1000 Words in Hindi) लिखना सीख सकते है।

रक्षाबंधन पर कक्षा 10वीं के लिए निबंध (Essay on Raksha Bandhan for Class 10th in Hindi)

परिचय

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भाई-बहन के रिश्ते की अनमोलता को दर्शाता है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षाबंधन का अर्थ है 'रक्षा का बंधन', जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay) - इतिहास और पौराणिक संदर्भ

रक्षाबंधन के इतिहास में अनेक पौराणिक और ऐतिहासिक घटनाएं समाहित हैं। महाभारत में द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण की कलाई पर एक रेशम का धागा बांधा था, जब उन्होंने अपने घायल हाथ से अपना खून रोकने के लिए अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ा था। इसके अलावा, चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को रक्षा का धागा भेजा था, और हुमायूं ने उनकी रक्षा करने का वचन निभाया।

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay) - समाज में महत्व

रक्षाबंधन का महत्व समाज में व्यापक रूप से माना जाता है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने के साथ-साथ समाज में सद्भावना और प्रेम का प्रसार भी करता है। यह पर्व परिवारिक संबंधों की गरिमा को बढ़ाता है और भाई-बहन के बीच के प्रेम और विश्वास को गहरा करता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi) - रक्षाबंधन की तैयारी

रक्षाबंधन की तैयारी के दौरान बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। राखियों की दुकानों पर भीड़ उमड़ती है और लोग विशेष रूप से इस दिन के लिए मिठाइयाँ खरीदते हैं। महिलाएँ और लड़कियाँ नए वस्त्र पहनती हैं और सुबह से ही पूजा की तैयारी में जुट जाती हैं। राखी बांधने के लिए विशेष थाली तैयार की जाती है जिसमें राखी, चावल, रोली और मिठाई होती है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - राखी बांधने की विधि

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी बांधने से पहले बहनें भाइयों की आरती करती हैं और तिलक लगाती हैं। फिर वे भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस विधि में प्रेम, श्रद्धा और आशीर्वाद का अद्भुत संयोग होता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - समकालीन परिदृश्य

समय के साथ रक्षाबंधन के रूप में भी बदलाव आए हैं। आजकल राखियों में भी डिजाइनर और ट्रेंडी राखियों का प्रचलन बढ़ा है। ऑनलाइन शॉपिंग के चलते अब बहनें अपने दूर रहने वाले भाइयों को भी आसानी से राखी भेज सकती हैं। इसके अलावा, कई सामाजिक संगठन भी इस पर्व को विशेष रूप से मनाते हैं, जहां अनाथालयों और वृद्धाश्रमों में राखी बांधकर इसे व्यापक रूप दिया जाता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - सार्वजनिक आयोजन

कई स्कूल, कॉलेज और संस्थान रक्षाबंधन के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इन आयोजनों में बच्चों द्वारा राखी बांधने की परंपरा का प्रदर्शन किया जाता है और इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला जाता है। यह आयोजन बच्चों में सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का काम करते हैं।

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) - उपसंहार

रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह एक भावना है जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाती है। यह पर्व हमारे जीवन में प्रेम, समर्पण और रक्षा के महत्व को समझाता है। रक्षाबंधन हमें यह सिखाता है कि सच्चे रिश्ते किसी भी बाधा के बावजूद भी अटूट रहते हैं। यह पर्व समाज में एकता, प्रेम और सद्भावना को बढ़ावा देने का संदेश देता है।

रक्षाबंधन का त्योहार हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर की याद दिलाता है और यह हमें हमारे परिवार और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है। इसलिए, हमें इस पर्व को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाना चाहिए और भाई-बहन के इस पवित्र बंधन को और भी मजबूत बनाना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

अतः रक्षाबंधन आपसी प्यार सम्मान और एकजुटता को दर्शाने वाला त्यौहार है जिसके मनाने के तर्क तो बहुत है परंतु सब का उद्देश्य आपसी प्यार ही है। भाई बहन को मिलकर इस त्यौहार को बड़े प्यार से और अपनेपन के साथ पुराने सभी गिले-शिकवे भुलाते हुए मनाना चाहिए। समग्रता और सामाजिक सद्भावना के साथ, रक्षाबंधन एक परिवार के बंधनों को मजबूत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस त्योहार से हमें यह सीखने को मिलता है कि परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना कितना महत्वपूर्ण है और हमें उनके साथ खुशियाँ मनानी चाहिए।  यहां से आप रक्षाबंधन पर निबंध 500 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in 500+ Words in Hindi), रक्षाबंधन पर निबंध 1000 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in 1000 Words in Hindi) लिखना सीख सकते है।

रक्षाबंधन पर निबंध 10 लाइनों में (Raksha Bandhan Essay in 10 Lines in Hindi)

यहां से आप 10 लाइनों में रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in 10 lines in Hindi) लिखना सीख सकते है।
  1. रक्षा बंधन का त्योहार सावन के महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
  2. रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है, जिससे कई प्राचीन कहानियां जुड़ी हुई हैं।
  3. राखी के साथ ही बहन अपने भाई को आशीर्वाद देती है और भाई भी उसकी सुरक्षा का वादा करता है।
  4. इस त्योहार का महत्व न केवल प्यार और समर्थन को प्रकट करने में है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच आदर्श संबंध की महत्वपूर्णता को भी दिखाता है।
  5. इस दिन बहनें खासकर अपने भाई की रक्षा के लिए तैयारी करती हैं और भाई भी उन्हें उपहार और आशीर्वाद देते हैं।
  6. रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहनों के प्रेम के साथ साथ एक-दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों का एहसास भी कराता है।
  7. रक्षा बंधन पर बहने अपने भाई के लिए उपवास राखित है और उन्हें राखी बंधने के बाद अपना व्रत तोड़ती है।
  8. जो बहनें अपने भाइयों के साथ नहीं रहती, वह अपने भाई को राखी डाक, ईमेल और ऑनलाइन भेजती हैं।
  9. रक्षाबंधन पर सारे बाजार सज जाते हैं और दुकानों पर रंग बिरंगी मिठाइयां भी सजी होती है, हर तरफ प्यार का माहौल होता है।
  10. हिंदू धर्म ग्रन्थों में रक्षा बंधन के पर्व का महत्व बताया गया है और इंद्रा देव और राजा बली की कहानी भी प्रचलित है।

रक्षाबंधन पर निबंध 10 लाइनों में (Raksha Bandhan Essay in 10 Lines in Hindi)


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FAQs

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब है?

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त प्रातः 03:04 मिनट पर शुरू होगा। वहीं इसकी समापन की बात की जाए तो 9 अगस्त को मध्य रात्रि 11:55 पर समाप्त होगा।

रक्षाबंधन कब है?

इस वर्ष रक्षाबंधन 9 अगस्त दिन शनिवार 2025 को मनाया जाएगा।  हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 9 अगस्त को प्रातः 03:04 मिनट पर शुरू होगा।

रक्षाबंधन का महत्व क्या है?

रक्षाबंधन का पर्व प्रेम और पवित्रता का पर्व है। यह पर्व भाई और बहनों के लिए एक दूसरे की लंबी उम्र और सुखद जीवन की कामना करने का दिन होता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई उन्हें कोई तोहफा देने के साथ-साथ जीवन भर के सुख-दुख में उनका साथ देने का वादा करते हैं। इस पर्व की वजह से भाई-बहनों के रिश्तों में और मजबूती आती है।

रक्षा बंधन मनाने के पीछे क्या कहानी है?

क्षा बंधन मनाने के पीछे की कहानी यह है कि जब यमुना ने यम को राखी बांधी, तो मृत्यु के देवता ने उसे अमरता प्रदान की। ऐसा कहा जाता है कि वह इस भाव से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने घोषणा की कि जो भी भाई राखी बांधेगा और अपनी बहन की रक्षा करने की पेशकश करेगा, वह भी अमर हो जाएगा।

रक्षा बंधन किस तरह है?

राखी बांधने के बाद बहनें अपने भाइयों को रोली (लाल तिलक), अक्षत और दीपक लगाती हैं। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं, ऐसा माना जाता है कि इससे भाई-बहन का रिश्ता मजबूत होता है। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं।

रक्षा बंधन की शुरुआत कब हुई?

इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत की उत्पत्ति लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ हैं।

रक्षा बंधन पर निबंध कैसे लिखें?

रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा करने वाला बंधन है। इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है।

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