गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi): महात्मा गांधी पर निबंध 10 लाइनें, 100, 200, 500 शब्दों में एस्से लिखना सीखें

Amita Bajpai

Updated On: November 13, 2025 11:43 AM

प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिवस को गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं। गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi) लिखने में छात्रों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। नीचे दिये गये आर्टिकल से आप निबंध लिखना सीख सकते है।

logo
गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi)

गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi): छात्रों को स्कूल-कॉलेज में गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर के मौके पर महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) लिखने या महात्मा गांधी के जीवन पर प्रकाश (Life of Mahatma Gandhi) डालते हुए 100, 200, 500, 750 शब्दों में लेख लिखने को कहा जाता है। महात्मा गांधी की जीवनी पर निबंध (Essay on biography of Mahatma Gandhi) में हम सबसे पहले भारत के स्वतंत्रता संग्राम में की भूमिका महात्मा गांधी (Role of Mahatma Gandhi in India's freedom struggle in Hindi) के बारे में उल्लेख करते हैं। महात्मा गांधी, जिन्हें बापू के नाम से भी जाना जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलते हुए देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए कई आंदोलन किए, जिनमें सबसे प्रमुख था 'असहयोग आंदोलन' और 'दांडी मार्च'।

यहां इस लेख में हम महात्मा गांधी पर निबंध (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi) लिखने के बारे में बता रहे हैं। नीचे महात्मा गांधी पर लेख (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi) के कुछ सैंपल भी दिए गए हैं, जिसकी मदद से छात्र महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Nibandh in Hindi) कैसे लिखा जाता है, इसके बारे में समझ सकता है। यहां से आप कक्षा 8 के लिए महात्मा गांधी पर निबंध (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi for Class 8), कक्षा 10 के लिए महात्मा गांधी पर निबंध (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi for Class 10), कक्षा 12 के लिए महात्मा गांधी पर निबंध (Essay on Mahatma Gandhi for Class 12 in Hindi) लिखना सीख सकते है।

ये भी पढ़ें- दुर्गा पूजा पर निबंध

“अहिंसा के पुजारी” और “राष्ट्रपिता” कहलाने वाले महात्मा गांधी जी को बापू नाम से भी सम्बोधित किया जाता है। गांधी जी का जन्म कब हुआ था? (Gandhi ji Ka Janm kab Hua Tha?) महात्मा गांधी का जन्म शुक्रवार 2 अक्टूबर 1869 को एक साधारण परिवार में गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान में हुआ था। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और उनकी माता का नाम पुतली बाई था। इनकी माता एक धार्मिक महिला थी नियमित तौर पर उपवास रखती थी। गांधी जी का पालन-पोषण वैष्णव मत में विश्वास रखने वाले परिवार में हुआ था। जैन धर्म का महात्मा गांधी जी पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा जिस वजह से अहिंसा, सत्य जैसे व्यवहार स्वाभाविक रूप से गांधी जी में बचपन से ही दिखने लगे थे। वह अपने माता-पिता के सबसे छोटी संतान थे, उनके 2 भाई और 1 बहन थी। गांधी जी के पिता हिन्दू तथा मोढ़ बनिया जाति के थे। लोग गांधीजी को प्यार से बापू कहते थे। साधारण जीवन उच्च विचार वाले बापू जी ने अंग्रेजी हुकूमत से अंतिम सांस तक अहिंसा की राह में चलते हुए संघर्ष किया। भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन में हर तबके के लोगों को अपने साथ जोड़कर भारत को आज़ादी दिलाने में गांधी जी ने अहम योगदान दिया है। यहां से महात्मा गांधी पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Mahatma Gandhi in 100 words  in Hindi), महात्मा गांधी पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Mahatma Gandhi in 200 words  in Hindi), महात्मा गांधी पर निबंध 300 शब्दों में (Essay on Mahatma Gandhi in 300 words  in Hindi), महात्मा गांधी पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Mahatma Gandhi in 500 words  in Hindi) लिखना सीखें।

ये भी पढ़ें: - शिक्षक दिवस पर भाषण

महात्मा गांधी पर निबंध 50 शब्दों में (Essay on Mahatma Gandhi in 50 words in Hindi): गाँधी जयंती पर निबंध

गाँधी जयंती प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। गाँधी जी का भारत की आज़ादी में अहम योगदान था इसलिए उनके जन्मदिवस के अवसर पर यानि 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनायी जाती हैं। गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में पोरबंदर गुजरात में हुआ था। उनकी माता का नाम पुतली बाई तथा उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। गाँधी जी ने अपनी स्कूली शिक्षा गुजरात से पूरी की तथा आगे की पढ़ाई उन्होंने लंदन से पूरी की। लंदन से आने के बाद गाँधी जी ने भारत की दशा देखी और भारत को ब्रिटिश से आज़ादी दिलाने में जुट गए। उन्होंने अनेक से आंदोलन चलाये। आखिरकार, 15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ। लेकिन आज़ादी के कुछ समय बाद ही गाँधी जी की मृत्यु हो गयी।  नाथूराम गोडसे द्वारा 30 जनवरी 1948 को गांधी जी को गोली मार दी गयी। लेकिन गाँधी जी का योगदान सभी को आज तक याद हैं। यहां से  आप महात्मा गांधी पर शॉर्ट निबंध (Short Essay on Mahatma Gandhi in Hindi), महात्मा गांधी पर निबंध 50 शब्दों में (Essay on Mahatma Gandhi in 50 words in Hindi) लिख सकते है। यहां से कक्षा 6 के लिए महात्मा गांधी पर निबंध (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi for Class 6), कक्षा 8 के लिए महात्मा गांधी पर निबंध (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi for Class 8) लिखना सीख सकते है।

महात्मा गांधी पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Mahatma Gandhi in 100 words  in Hindi)

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi): गांधी जयंती महात्मा गांधी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए भारत में हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाने वाला एक अवसर है। इसे आधिकारिक तौर पर भारत की राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक के रूप में घोषित किया गया था और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था। स्मारक सेवाएं इसे चिह्नित करती हैं, और पूरे भारत में श्रद्धांजलि दी जाती है, जिसमें उन प्रसिद्ध स्थानों को शामिल किया गया है जहां उनका दौरा किया गया था और उनका अंतिम संस्कार किया गया था।

गांधी जी हमारे देश के राष्ट्रपिता और बापू के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। वो एक सच्चे देशभक्त नेता थे और अहिंसा के पथ पर चलते हुए पूरे देश का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेतृत्व किया। गांधी जी के अनुसार ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की लड़ाई जीतने के लिये अहिंसा, सच्चाई और ईमानदारी का रास्ता ही एकमात्र हथियार था। गांधी जी को कई बार जेल भी जाना पड़ा था हालांकि देश को आजादी मिलने तक उन्होंने अपने अहिंसा आंदोलन को जारी रखा था। उनका विश्वास हमेशा सामाजिक समानता में था और वह अस्पृश्यता के भी खिलाफ थे। देश की राजधानी नई दिल्ली में गांधीजी की समाधि या राजघाट पर बहुत सी तैयारियों के साथ गांधी जयंती मनायी जाती है। राजघाट के समाधि स्थल को फूलों की माला से सजाया जाता है और गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। समाधि पर सुबह के समय धार्मिक प्रार्थना भी रखी जाती है। इसे पूरे देशभर में स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों के द्वारा राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यहां से आप महात्मा गांधी पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi 100 words), महात्मा गांधी पर शॉर्ट निबंध (Short Essay on Mahatma Gandhi in Hindi) लिखना सीखें।

गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित नाट्य ड्रामा, कविता व्याख्यान, गायन, भाषण, निबंध लेखन आदि प्रतियोगिताएं भी होती हैं। महात्मा गांधी की याद में लोग गांधी जी का सबसे प्रिय गीत “रघुपति राघव राजा राम” भी गाते हैं।

ये भी पढ़ें- हिंदी दिवस पर निबंध

200 शब्दो में गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in 200 words in Hindi)

Add CollegeDekho as a Trusted Source

google

महात्मा गांधी पर हिंदी निबंध (Mahatma Gandhi in Hindi Essay): गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, जो महात्मा गांधी की जयंती के रूप में देशभर में बड़े आदर और सम्मान के साथ मनाई जाती है। महात्मा गांधी, जिन्हें 'बापू' के नाम से भी जाना जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे।गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। गांधीजी ने अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया।

गांधीजी का जीवन सादगी, आत्मबलिदान, और सामाजिक न्याय के मूल्यों से प्रेरित था। उन्होंने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाया और इन्हीं के माध्यम से लोगों को एकजुट कर ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी। उनके नेतृत्व में भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की।

गांधी जयंती न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाई जाती है। इस दिन लोग गांधीजी के विचारों और उनके द्वारा स्थापित सिद्धांतों को याद करते हैं और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें गांधीजी के जीवन और उनके योगदान पर चर्चा की जाती है।

गांधी जयंती हमें उनके सच्चाई, अहिंसा, और समानता के विचारों का पालन करने की प्रेरणा देती है। गांधीजी का जीवन हमें सिखाता है कि किसी भी समस्या का समाधान अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर ही किया जा सकता है। उनकी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें प्रेरित करती है। यहां से आप 200 शब्दो में गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in 200 words in Hindi), महात्मा गांधी पर शॉर्ट निबंध (Short Essay on Mahatma Gandhi in Hindi) लिखना सीख सकते है।

ये भी चेक करें-

गणतंत्र दिवस पर भाषण हिंदी दिवस पर भाषण
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण महिला दिवस पर भाषण
शिक्षक दिवस पर भाषण फेयरवेल स्पीच

गांधी जयंती पर निबंध 500+ शब्दों में (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi in 500+ words in Hindi)

मोहनदास करमचंद गांधी

महात्मा गांधी पर हिंदी निबंध (Mahatma Gandhi in Hindi Essay in Hindi): मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म भारत के पोरबंदर, कंथियावाड़ में पिता करमचंद उत्तमचंद गांधी और उनकी चौथी पत्नी पुतलीबाई के घर हुआ था। 1882 में उन्होंने कस्तूरबाई माकनजी से शादी की, जिनसे उनके पांच बच्चे हुए। गांधीजी ने 1887 में सामलदास कॉलेज, भाऊनगर में दाखिला लिया, लेकिन एक सत्र के बाद छोड़ दिया। हालाँकि, उन्हें कानून की पढ़ाई के लिए लंदन जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया और वह 4 सितंबर 1888 को लंदन के लिए रवाना हो गए।

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) - गांधी जयंती

भारत में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इसी दिन वर्ष 1869 को गांधीजी का जन्म हुआ था। हमारे देश की आजादी में राष्ट्रपिता का योगदान सबसे अहम था, इसीलिए हर साल उनके सम्मान में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय उत्सव और अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन सरकारी छुट्टी होती है। इस अवसर पर स्कूलों और सरकारी संस्थानों में तरह-तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों में तो खासतौर से निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। सभी सरकारी जगहों पर गांधीजी को श्रद्धांजलि दी जाती है। गांधी जयंती पर लोग गांधी जी के आदर्शों के महत्त्व को समझते हुए अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करते हैं।

देश की आजादी में गांधीजी का योगदान सबसे महत्त्वपूर्ण साबित हुआ। उन्होंने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर ही ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद करवाया। गांधी जी ने न सिर्फ देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई बल्कि वह भारत के साथ कई अन्य देशों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गए। गांधी जी ने 4 महादेशों और 14 देशों में लोगों को नागरिक अधिकार आंदोलनों के लिए प्रेरित करने का काम भी किया, तो वहीं भारत में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलनों की शुरुआत की। देश की आजादी के लिए गांधी जी हमेशा आगे रहे और हर भारतीय की आवाज़ बने। गांधी जी का सपना न केवल देश की आजादी था बल्कि वह देश को भी एकता के सूत्र में बंधा हुआ देखना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने हर संभव कोशिश की।

ये  भी पढ़ें - दशहरा पर निबंध

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi)- अहिंसा

गांधीजी के अनुसार मन, वचन और शरीर से किसी को भी दु:ख न पहुँचाना ही अहिंसा है। गांधीजी के विचारों का मूल लक्ष्य सत्य एवं अहिंसा के माध्यम से विरोधियों का हृदय परिवर्तन करना है। अहिंसा का अर्थ ही होता है प्रेम और उदारता की पराकाष्ठा। गांधी जी व्यक्तिगत जीवन से लेकर वैश्विक स्तर पर ‘मनसा वाचा कर्मणा’ अहिंसा के सिद्धांत का पालन करने पर बल देते थे। आज के संघर्षरत विश्व में अहिंसा जैसा आदर्श अति आवश्यक है। गांधी जी बुद्ध के सिद्धांतों का अनुगमन कर इच्छाओं की न्यूनता पर भी बल देते थे।

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) - सत्याग्रह

महात्मा गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे। सत्य की राह में चलते हुए अहिंसात्मक रूप से स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए उनके द्वारा किये गए कार्य पद्धतियों को उन्होंने सत्याग्रह नाम दिया था।उनके द्वारा सत्याग्रह का अर्थ अन्याय, शोषण, भेदभाव, अत्याचार के खिलाफ शांत तरीकों से बिना किसी हिंसा के अपने हक़ के लिए लड़ना था। गांधी जी द्वारा चम्पारण और बारदोली सत्याग्रह किये गए जिसका उद्देश्य अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचार और अन्यायपूर्ण रवैये के खिलाफ लड़ना थाकई बार इन सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी जी को जेल जाना पड़ा था। अपने सत्याग्रह में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन का समय-समय पर प्रयोग किया।

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) - स्वदेशी आन्दोलन

स्वदेशी आन्दोलन की शुरुआत बंगाल विभाजन के विरोध में हुई थी और इस आन्दोलन की औपचारिक शुरुआत कलकत्ता के टाउन हॉल में 7 अगस्त ,1905 को एक बैठक में की गयी थी। इसका विचार सर्वप्रथम कृष्ण कुमार मित्र  के पत्र संजीवनी में 1905 ई. में प्रस्तुत किया गया था। इस आन्दोलन में स्वदेशी नेताओं ने भारतियों से अपील की कि वे सरकारी सेवाओं,स्कूलों,न्यायालयों और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करें और स्वदेशी वस्तुओं को प्रोत्साहित करें व राष्ट्रीय कोलेजों व स्कूलों की स्थापना के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा को प्रोत्साहित करें। अतः ये केवल राजनीतिक आन्दोलन ही नहीं था बल्कि आर्थिक आन्दोलन भी था।

स्वदेशी आन्दोलन को अपार सफलता प्राप्त हुई थी। बंगाल में जमींदारों तक ने इस आन्दोलन में भाग लिया था। महिलाओं व छात्रों ने पिकेटिंग में भाग लिया। छात्रों ने विदेशी कागज से बनी पुस्तकों का बहिष्कार किया। बाल गंगाधर तिलक,लाला लाजपत राय, बिपिन चन्द्र पाल और अरविन्द घोष जैसे अनेक नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया। अनेक भारतीयों ने अपनी नौकरी खो दी और जिन छात्रों ने आन्दोलन में भाग लिया था उन्हें स्कूलों व कालेजों में प्रवेश करने रोक दिया गया। आन्दोलन के दौरान वन्दे मातरम को गाने का मतलब देशद्रोह था। यह प्रथम अवसर था जब देश में निर्मित वस्तुओं के प्रयोग को ध्यान में रखा गया।

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) - खिलाफत आन्दोलन

प्रथम विश्व युद्ध के बाद खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई। असहयोग भारत (नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट) और खिलाफत आंदोलन प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात भारत में भारतीयों द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ अनेक आंदोलन किये थे, जिसमें 1919 से 1922 तक दो महत्वपूर्ण आंदोलन खिलाफत आंदोलन एवं असहयोग आंदोलन चलाये गये थे। खिलाफत आंदोलन का मुख्य उद्देश्य तुर्की के खलीफा पद को पुनः स्थापित करना था। खिलाफत आंदोलन 1919 से 1924 तक चला था। हालाँकि इस आंदोलन का सीधा सम्बन्ध भारत से नहीं था। इस का प्रारम्भ 1919 में अखिल भारतीय कमिटी का गठन करके किया गया था। अखिल भारतीय कमिटी का गठन अली बंधुओं द्वारा किया गया था।

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) - अंत्योदय

अंत्योदय एक ऐसा मिशन था जो गांधीजी के दिल के करीब था। अंत्योदय शब्द का अर्थ है " अंतिम व्यक्ति का उत्थान " या सबसे निराश, सबसे गरीब वर्ग के लोगों के उत्थान की दिशा में काम करना, जो कि बापू के अनुसार, केवल सर्वोदय द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है, अंत्योदय द्वारा सभी का विकास।

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) - सात्विक आहार

महात्मा गांधी सात्विक खाने में विश्वास रखते थे। गुस्सा दिलाने वाले खाने से वह परहेज करते थे इसलिए हरी सब्जियों की मात्रा खाने में रखते थे। उबली हुई सब्जियों को बिना नमक के साथ खाना उनकी आदतों में रहा है। चुकंदर बैंगन भी उबालकर गांधी जी अपनी डाइट में लेते थे। सादा खाना उनकी पसंद हमेशा से रहा था, इसी क्रम में उन्होंने दाल और चावल को अपनी डाइट का हिस्सा बनाया था। दाल और चावल भी सात्विक खाने का प्रतीक होता है। इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी अच्छी होती है।

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) - चरखा

महात्मा गांधी के साथ चरखे का नाम भी विशेषतौर पर जोड़ा जाता है। भारत में चरखे का इतिहास बहुत प्राचीन होते हुए भी इसमें उल्लेखनीय सुधार का काम महात्मा गांधी के जीवनकाल का ही मानना चाहिए। सबसे पहले सन 1908 में गांधी जी को चरखे की बात सूझी थी, जब वे इंग्लैंड में थे। उसके बाद वे बराबर इस दिशा में सोचते रहे। वे चाहते थे कि चरखा कहीं न कहीं से लाना चाहिए। गांधी जी ने चरखे की तलाश की थी। एक गंगा बहन थीं, उनसे उन्होंने चरखा बड़ौदा के किसी गांव से मंगवाया था। इससे पहले गांधी जी ने चरखा कभी देखा भी नहीं था, सिर्फ उसके बारे में सुना था। बाद में उस चरखे में उन्होंने काफ़ी सुधार भी किए। दरअसल गांधी जी के चरखे और खादी के पीछे सेवा का भाव था। उनका चरखा एक वैकल्पिक आर्थिक व्यवस्था का प्रतीक भी था। महिलाओं की आर्थिक स्थिति के लिए भी, उनकी आजादी के लिए भी। आर्थिक स्वतंत्रता के लिए भी और उस किसान के लिए भी, जो 6 महीने ख़ाली रहता था।

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) - स्वराज्य

हालाँकि स्वराज शब्द का अर्थ स्वशासन है, लेकिन गांधीजी ने इसे एक ऐसी अभिन्न क्रांति की संज्ञा दी जो कि जीवन के सभी क्षेत्रों को समाहित करती हैगांधी जी के लिये स्वराज का अर्थ व्यक्तियों के स्वराज (स्वशासन) से था और इसलिये उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके लिये स्वराज का मतलब अपने देशवासियों हेतु स्वतंत्रता है और अपने संपूर्ण अर्थों में स्वराज स्वतंत्रता से कहीं अधिक है। आत्मनिर्भर व स्वायत्त्त ग्राम पंचायतों की स्थापना के माध्यम से ग्रामीण समाज के अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति तक शासन की पहुँच सुनिश्चित करना ही गांधी जी का ग्राम स्वराज सिद्धांत था। आर्थिक मामलों में भी गांधीजी विकेंद्रीकृत अर्थव्यवस्था के माध्यम से लघु, सूक्ष्म व कुटीर उद्योगों की स्थापना पर बल देते थे। गांधी जी का मत था कि भारी उद्योगों की स्थापना के पश्चात् इनसे निकलने वाली जहरीली गैसें व धुंआ पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं, साथ ही बहुत बड़े उद्योगों का अस्तित्व श्रमिक वर्ग के शोषण का भी मार्ग तैयार करता है। यहां से महात्मा गांधी पर लॉग निबंध (Long Essay on Mahatma Gandhi in Hindi), गांधी जयंती पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi in 500 words in Hindi) लिखना सीख सकते है।

ये भी पढ़ें- दिवाली पर निबंध

महात्मा गांधी पर 10 लाइनों में निबंध (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi in 10 Lines)

2 अक्टूबर को गांधीजी पर निबंध (gandhi ji par nibandh in Hindi) लिखने को दिया जाता है। आप नीचे दिये गये प्वाइंट से महात्मा गांधी पर 10 लाइनों में निबंध (Essay on Mahatma Gandhi in 10 Lines in Hindi) लिखना सीख सकते है।
  1. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था।
  2. गांधी जी का जन्म स्थान गुजरात का पोरबंदर शहर है।
  3. गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता जी का नाम पुतली बाई था।
  4. महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
  5. गांधी जी का विवाह 15 वर्ष की आयु में कस्तूरबा गांधी जी से हुआ था।
  6. गांधी जी राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे।
  7. गांधी जी ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन से क़ानून की पढ़ाई पूरी की थी।
  8. महात्मा गांधी जी गोपाल कृष्ण गोखले जी को अपना राजनितिक गुरु मानते थे।
  9. गांधी जी को बापू, महात्मा, राष्ट्रपिता आदि नामो से भी जाना जाता है।
  10. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे के गांधी जी को गोली मार उनकी हत्या कर दी थी ।

ऐसे ही निबंध संबधित आर्टिकल्स के लिए CollegeDekho के साथ जुड़ें रहें।

ये भी पढ़ें-

हिंदी में अन्य निबंध देखें
शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी पर निबंध
मेरे प्रिय मित्र पर निबंध मेरा प्रिय खेल पर निबंध
स्वंत्रता दिवस पर निबंध प्रदूषण पर निबंध
होली पर निबंध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
नए साल पर हिंदी में निबंध हिंदी लेटर राइटिंग

ऐसे ही निबंध संबधित आर्टिकल्स के लिए CollgeDekho के साथ जुड़ें रहे।

Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

news_cta

FAQs

गांधी जयंती पर निबंध कैसे लिखें?

2 अक्टूबर को प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और अहिंसा के समर्थक महात्मा गांधी की जयंती है। गांधीजी के जन्मदिन को न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व स्तर पर अहिंसा के अग्रदूत के रूप में मनाया जाता है। भारत में सभी स्कूली छात्र इस दिन को खास उत्साह के साथ मनाते हैं। 

गांधी जी का सबसे प्रिय गीत कौन सा है?

गांधी जी का सबसे प्रिय गीत “रघुपति राघव राजा राम” था।

महात्मा गांधी के माता-पिता का क्या नाम था?

महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी और उनकी माता का नाम पुतली बाई था।

महात्मा गांधी का पूरा नाम क्या है?

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।

गांधी जी का जन्म कब हुआ था?

महात्मा गांधी का जन्म शुक्रवार 2 अक्टूबर 1869 को एक साधारण परिवार में गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान में हुआ था।

गांधी जयंती कब मनाते है?

प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिवस को गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं।

View More
/articles/essay-on-gandhi-jayanti-in-hindi/

Related Questions

Can I pursue LLB degree without any entrance exam from the D. S. R. Hindu Law College, Hyderabad? What will be the annual fee?

-AnonymousUpdated on December 23, 2025 06:05 PM
  • 2 Answers
allysa , Student / Alumni

Yes, you can pursue an LLB degree at Lovely Professional University (LPU) without a national entrance exam like CLAT. LPU offers admission through its own merit-based process or university entrance test. For the 3-year LLB program, a graduation degree with minimum required marks is needed. The annual tuition fee is around ₹1.6 lakh, totaling approximately ₹4.8 lakh for the full course, excluding hostel and other charges.

READ MORE...

Admission requirements help me

-SANWAR LAL MALiUpdated on December 23, 2025 06:04 PM
  • 2 Answers
allysa , Student / Alumni

Admission requirements at Lovely Professional University (LPU) vary by program. Generally, for undergraduate courses, you need 10+2 with minimum required marks in relevant subjects. For diploma programs, completion of 10th or 12th (depending on the course) with minimum eligibility is needed. Some programs accept CUET scores or university entrance tests. Final admission may also include counseling and document verification.

READ MORE...

How to apply for community quota in palakkad nss engineering college?

-AdvUpdated on December 23, 2025 06:06 PM
  • 5 Answers
allysa , Student / Alumni

To apply for the community quota at Lovely Professional University (LPU), you need to fill out the admission form and indicate your eligibility under the relevant category. Submit supporting documents such as caste/community certificate issued by the competent authority. The university reviews your application and verifies documents before granting quota benefits. Admissions under community quota may also include merit-based evaluation and seat availability considerations.

READ MORE...

क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.

  • 24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया

  • व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें

  • बिना किसी मूल्य के

  • समुदाय तक पहुंचे

नवीनतम आर्टिकल्स

ट्रेंडिंग न्यूज़

Subscribe to CollegeDekho News

By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy

Top 10 Education Colleges in India

View All